गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी ने खेला नागरिकता कार्ड, अब इन लोगों को मिलेगी नागरिकता

गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी ने खेला नागरिकता कार्ड, अब इन लोगों को मिलेगी नागरिकता

केंद्र सरकार ने करी मेहसाणा-आणंद में पाकिस्तान-बांग्लादेश से आए लोगों को  नागरिकता देने का फैसला 

केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और ये फैसला अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये लोगों ओ भारतीय नागरिकता देने को लेकर है. दरअसल, गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इन चुनाव से पहले केंद्र के सहारे बीजेपी ने नागरिकता (citizenship) देने का एक बड़ा दाव खेला है.

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गुजरात में इन लोगों मिलेगी भारत की नागरिकता

बीजेपी वाली केंद्र सरकार (Central government) ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के दो जिलों आणंद (Ananda) और महेसाणा (Mahesana) में रह रहे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) देने का फैसला किया है.अधिसूचना के अनुसार, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के तहत और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी या उन्हें देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत मिलेगी नागरिकता

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लागू हुए CAA कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है. लेकिन इस अधिनियम के तहत अभी तक सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए अब तक किसी को भी इसके तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती. वहीं केंद्र सरकार ने गुजरात में जिन लोगों को नागरिकता देने की बात है है उन लोगों को भारत के नागरिकता कानून, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है.

कलेक्टर वेरिफिकेशन के जरिये मिलेगी नागरिकता

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर गुजरात के आणंद और महेसाणा में बसे अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को ऑनलाइन आवेदन जमा करने होंगे. इसके बाद जिला स्तर पर कलेक्टर (Collector) वेरिफिकेशन करेंगे और पूरी प्रक्रिया के बाद संतुष्ट होने पर भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी. वहीं इसके लिए प्रमाणपत्र भी जारी करेंगे. आवेदन के साथ कलेक्टर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे. ऑनलाइन के साथ साथ कलेक्टर द्वारा भौतिक रजिस्टर भी रखा जाएगा, जिसमें भारत के नागरिक के रूप में इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत या देशीयकृत व्यक्तियों का ब्यौरा होगा और उसकी एक कॉपी ऐसे रजिस्ट्रीकरण या देशीकरण के सात दिन की अवधि के भीतर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी.

आपको बता दें, गुजरात में चुनाव होने वाले हैं वहीं इन चुनाव के बीच अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के दो जिलों आणंद और महेसाणा में रह रहे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना बीजेपी का बड़ा दाव हो सकता है.

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