खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने पिछले दिनों बीजेपी शासित हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर को धमकी दी थी कि वे मुख्यमंत्री को 15 अगस्त के दिन तिरंगा झंडा नहीं फहराने देंगे। हिमाचल के सीएम के साथ-साथ इस संगठन ने बीजेपी शासित यूपी, बीजेपी शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित पंजाब के सीएम और राज्यपाल को भी धमकी दी है। साल 2019 में प्रतिबंधित हुए खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से धमकी मिली थी। जिस पर देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की ओर से करारा जवाब दिया गया है।
करीमाबाद में फहराएंगे तिरंगा
बीजेपी प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा है कि खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू का कहना है कि वे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम रमेश को 15 अगस्त को तिरंगा फहराने नहीं देंगे। ऐसा लगता है कि उनका दिमाग खराब है। उन्होंने कहा, पन्नू कुछ साल रुकिए हम गिलगित-बाल्टिस्तान में हुंजा जिले की राजधानी करीमाबाद में तिरंगा फहराएंगे।
खट्टर के पास आये थे विदेशी नंबरों से कॉल
दरअसल, पन्नू ने हिमाचल के सीएम के साथ-साथ पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को धमकी दी है। खालिस्तानी संगठन की ओर से कहा गया है कि अगर उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर पंजाब में कहीं भी भारतीय ध्वजारोहण किया तो वह अपनी राजनीतिक मौत के जिम्मेदार खुद होंगे। खबरों के मुताबिक एक टेलीफोनिक मैसेज में पन्नू ने कहा है कि हमारे किसान मर रहे हैं, ऐसे में ध्वजारोहण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इस संगठन की ओर से धमकी दी गई है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि 15 अगस्त को सीएम योगी आदित्यनाथ को हम लखनऊ के विधानभवन पर झंडा नहीं फहराने देंगे। वहीं, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को भी ऐसी ही धमकियां मिली है। उनके पास कई विदेशी नंबरो से कॉल आए। जिसके बाद अब सरकार इस मामले का जांच करा रही है।
भारत में प्रतिबंधित है यह संगठन
बताते चले कि इस संगठन की शुरआत साल 2007 में अमेरिका में हुई थी। पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री लेकर अमेरिका में वकील के रुप में काम कर रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू इस संगठन का बड़ा चेहरा है जो लगातार सुर्खियों मे बना रहता है। इस संगठन का एजेंडा मुख्यरुप से पंजाब में अलग से खालिस्तान बनाने का है। देश विरोधी गतिविधियों के चलते मोदी सरकार ने साल 2019 में इस संगठन को भारत में प्रतिबंधित कर दिया था।