भाजपा और RSS कर रही नफरत बांटने का काम
Bharat Jodo Yatra: देश की सबसे लम्बी यात्रा पर निकले हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली बार आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में निकले राहुल गांधी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से मीडिया में छा गए हैं। राहुल गांधी ने मीडिया से बात-चित के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और RSS नफरत बांटने का काम कर रही हैं, दूसरी तरफ हम देश जोड़ रहे हैं। राहुल ने अपने भाषण में पहले भी कह चुके हैं कि, “मेरा नाम राहुल सावरकार नहीं, मेरा राहुल गांधी है”। राहुल गांधी ने एक बार फिर से सावरकर के बारे में बोलते हुए सावरकर पर अंग्रेजों के लिए काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अंग्रेज सावरकर को पैसे देते थे। राहुल गांधी यहीं पर नहीं रुके उन्होंने राजस्थान में अडाणी के निवेश पर भी जवाब दिया और कहा कि अडाणी राजस्थान में 60 हजार करोड़ का निवेश लेकर आए हैं, उन्हें कोई तरजीह नहीं दी गई है।
भाजपा और RSS पर जमकर साधा निशाना
राहुल गांधी के अंदर इस आत्मविश्वास को देख कर आपको यह अनुमान तो लग ही गया होगा की पप्पू भी पास हो सकता है। शनिवार को तुमकुरु में उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत की। जिसमे उन्होंने BJP और RSS पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कहीं भी आपको भाजपा नहीं दिखेगी। उन्होंने आगे कहा कि मेरी समझ के मुताबिक RSS अंग्रेजों की मदद करता था और सावरकर को अंग्रेजों से वजीफा मिल रहा था और यह हवा में कही गई बात नागि है बल्कि ऐतिहासिक तथ्य है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उन लोगों ने जेल में कई साल बिताया। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। राहुल ने कहा, ‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाले व्यक्ति कौन हैं और किस समुदाय से आते हैं। नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र-विरोधी कार्य है और हम हर उस व्यक्ति के खिलाफ लड़ेगे जो नफरत फैलाएगा।’
सभी भाषाओं का करते है सम्मान
कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने मातृभाषा पर भी अपना मत साफ़ कर दिया है। राहुल ने मातृभाषा के विषय पर बोलते हुए कहा कि अकेले हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने का उनका कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कन्नड़ भाषा जैसी और क्षेत्रीय भाषाओं को कोई भी खतरा नहीं है। राहुल ने शुक्रवार को शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ हुई बातचीत के दौरान यह बात कही थी। गौर करने वाली बात यह है कि देश भर में अभी राजनीतिक गलियारों में भाषा के मुद्दे पर जमकर बहस छिड़ी हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी हाल ही में इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं दे चुके हैं। राहुल ने यह भी कहा था कि उनके लिए प्रत्येक मातृभाषा जरुरी है।
मल्लिकार्जुन खरगे रिमोट कंट्रोल नेता नहीं
राहुल गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर चल रही सारी आशंकाओं को खारिज कर दिया कि गांधी परिवार पार्टी के अगले अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर कद्दावर नेता बताया। उन्होंने आगे कहा कि वो दोनों अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं। कुछ दिनों से यह अफवाह चल रही थी कि गांधी परिवार अगले कांग्रेस अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘दोनों लोग जो (चुनाव में) उतरे हैं, उनकी एक हैसियत है, एक दृष्टिकोण है और वे कद्दावर व अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं”। उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाला है, अगर आप उनके बारे में ऐसा सोचते है तप आप उन्हें अपमानित कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए नहीं है ‘भारत जोड़ो यात्रा’
राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा को एक साथ खड़े करने पर कहा कि ‘भारत जोड़ो’ यात्रा 2024 के चुनावों के लिए नहीं है। हम भाजपा और RSS की देश को विभाजित करने वाले अभियानों के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को गलत तरीके से पेश करना चाह रही है।
भारत में बन रहा दो देश
राहुल गांधी ने अम्बानी और अडानी जैसे पूंजीपतियों पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट क्र जरिये कहा कि, “एक भारत जहां पूंजीपति मित्रों को 6 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज और करोड़ों की कर्जमाफी दी जा रही है और वहीं दूसरे तरफ एक भारत ऐसा है, जिसमें अन्नदाताओं को 24 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज और कष्टों से भरी जिंदगी मिलती है। उन्होंने कहा कि देश में ये ‘दो भारत’ स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
Also read- RSS के कच्छे में आग लगाने के पीछे कॉंग्रेस की ये मंशा आई सामने…