सोनिया गांधी पहली बार ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल
अक्टूबर 6, बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कर्नाटक के मांड्या से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) में शामिल हुईं और राहुल गांधी तथा अन्य ‘भारत जोड़ो यात्रियों’ के साथ पदयात्रा की। सोनिया की यह पदयात्रा मांड्या जिले के डाक बंगला इलाके से शुरू हुई । वह पहली बार ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुईं है।
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कर्नाटक में कांग्रेस को मजबूत बनाना है मकसद
आप सोनिया गांधी के इस कदम को राजनीतिक रणनीति का एक हिस्सा भी कह सकते है। सोनिया गांधी कांग्रेस की पदयात्रा में ऐसे वक्त पर शामिल हुईं, जब पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा है। मांड्या देवगौड़ा परिवार के दबदबे वाला क्षेत्र माना जाता है। सोनिया का कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले मांड्या में पदयात्रा करना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि वह कांग्रेस को कर्नाटक में और मजबूत बनाना चाहती हैं।
केसी वेणुगोपाल जो कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं, उन्होंने कहा कि, “यह ऐतिहासिक क्षण है जब सोनिया गांधी जी इस यात्रा में शामिल हुई हैं। इससे पार्टी कर्नाटक में और मजबूत होगी।”
राहुल बने सोनिया के श्रवण कुमार
वहीं दूसरी तरफ सोनिया के भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ने से राहुल गांधी तथा अन्य यात्रियों का मनोबल भी बढ़ेगा। सोनिया गांधी के पहुंचते ही राहुल ने कंधे पर हाथ रखकर मां का स्वागत किया। इसके बाद यात्रा में मौजूद महिला नेताओं ने सोनिया गांधी का हाथ थाम उनके साथ यात्रा में शामिल हो गई। करीब 15 मिनट तक पैदल चलने के बाद राहुल ने सोनिया को वापस कार में भेज दिया। हालांकि, कुछ देर आराम करने के बाद सोनिया फिर से पैदल यात्रा में शामिल हो गईं। सोनिया एक महीना पहले ही कोरोना से उबरी हैं। अभी उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है। इसी बीच सोशल मीडिया पर राहुल और सोनिया गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में राहुल सोनिया गांधी के जूते के फीते बांधते नजर आएं। इसी तस्वीर को लेकर राहुल को सोशल मीडिया पर श्रवण पुत्र बताया जा रहा है। जबकि जनता भी इस तस्वीर पर भावुक नजर आ रही है।
माँ तो माँ होती है
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस फोटो की तारीफ करते हुए लिखा कि, मां तो मां होती है, उनका कोई तोड़ नहीं होता। थरूर ने अपने ट्वीट में कहा कि, “वो साँस भी लेती है तो, उनमें भी दुआएं होती हैं, माँओं का तोड़ नही होता, माएँ तो माएँ होती हैं”।
4 सितंबर को सोनिया गांधी कर्नाटक पहुंची थीं। उन्होंने दशहरा पर एचडी कोट विधानसभा के बेगुर गांव में भीमनाकोली मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद सोनिया आज मंड्या जिले में भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल हुईं। वे कुछ दूर तक लगभग 15 मिनट तक अपने बेटे राहुल गांधी के साथ भी चली। इससे पहले बुधवार को सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी के साथ दशहरा भी मनाया था।
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