सोमवार से ही Cope India की एक्सरसाइज की शुरुआत पश्चिम बंगाल के पन्नागढ़ एयरफोर्स स्टेशन से हो गयी है. इस एक्सरसाइज में भारत और अमेरिका के लड़ाकू विमान और उनके पायलट हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा इसमें जापान भी हिस्सा ले रहा है लेकिन बतौर आब्जर्वर. इस वार ट्रेनिंग में अमेरिका का B-1B बॉम्बर भी आ रहा है. जो हथियारों की लिस्ट में अपनी क्षमताओं और ताकत की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है. भारत में यह विमान दूसरी बार आ रहा है.
इसका पूरा नाम B-1B लांसर है. अमेरिका में इसे साउथ डकोटा के एल्सवर्थ एयरफोर्स पर मुस्तैद किया गया है. 28वीं बम विंग का हिस्सा ये विमान किसी भी तरह के गाइडेड मिसाइल, परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जा सकता है. पिछले महीने एयरो इंडिया शो के लिए भी यह विमान भारत आया था लेकिन एयरफोर्स के साथ हो रही मिलिट्री एक्सरसाइज में शामिल होने के लिए यह पहली बार आया है.
क्या है B-1B की खासियत?
बम बरसाने वाले विमान की खास बात ये है कि यह विमान लम्बी दूरी की उड़ान भरने में सक्षम है अमेरिकी सैनिक इसे बोन भी कहते हैं. और इसको उड़ाने के लिए दो नहीं बल्कि 4 क्रू की जरूरत पड़ती है. जिसमे एक एयरक्राफ्ट कमांडर, एक पायलट, एक ओफ्फेंसिवे सिस्टम ऑफिसर और एक डिफेंसिव सिस्टम ऑफिसर सवार होते हैं. अमेरिका के पास इन विमानों की संख्या करीब 104के आसपास है.
इस विमान की लंबाई 146 फीट, इसके पंख 146 फीट लंबे और इसकी ऊंचाई 34 फीट है. बिना हथियारों के इस विमान का वजन लगभग 87 हजार किलोग्राम है. वार लोड लादने के बाद इसका वजन 2.16 लाख किलोग्राम हो जाता है. इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक बार में 9,400 किलोमीटर तक उड़ सकता है. 40 हजार फीट की ऊंचाई पर भी इसकी रफ्तार 1531 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. अगर इसे बिना हथियारों के उड़ाया जाए तो एक बार में यह 12 हजार किलोमीटर तक भी जा सकता है. यानी यह 23 हजार किलोग्राम वजन के बम रख सकता है. इसमें कई तरह के बमों के मिश्रण लगाये जा सकते हैं.
एकसाथ लोड हो सकते हैं ये हथियार
एमके-82 जनरल परपज बम, एमके-62 क्विकस्ट्राइक सी माइंस, क्लस्टर बम, सीबीयू-105 विंड करेक्टेड म्यूनिशंस डिस्पेंसर, जेडैम जीपीएस गाइडेड बम, लेजर गाइडेड जेडैम बम, जीबीयू स्माल डायामीटर बम, एजीएम-154 ज्वाइंट स्टैंडऑफ वेपन, एजीएम लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल, एयर टू सरफेस स्टैंडऑफ मिसाइल, लॉन्ग रेंज एंटी शिप मिसाइल, एयर लॉन्च्ड रैपिड रेसपॉन्स वेपन.
इनके अलावा बी-61 और बी83 परमाणु बम भी इसमें लोड कर सकते हैं. इसके अलावा इसके अंदर 3 इंटरनल बम बे हैं. यानी 34 हजार किलोग्राम वजन के बम लगा सकते हैं. इसका रडार सिस्टम इतना तगड़ा है कि दुश्मन के किसी भी हथियार की जानकारी हासिल कर लेता है. इसमें डिफेंसिव जैमिंग सिस्टम भी है. यानी दुश्मन के इलाके में जाते ही उनके सिस्टम को जाम कर सकता है.
ALSO READ: जानिए कौन होते हैं हिममानव और क्या है इनका इतिहास, जिन्हें नहीं ढूंढ पाया कोई?
तीन वैरिएंट्स में है बी-1बी विमान
B-1B लांसर बमवर्षक के तीन वैरिएंट्स हैं. पहला बी-1ए, बी-1बी और बी-1आर. और वो हैं वैरिएंट्स स्ट्रैटेजिक एयर कमांड, एयर कॉम्बैट कमांड और एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड. इन्ही की मदद से सीरिया में, दमिश्क पर हमले किए गए थे. इसके अलावा लीबिया में भी हमले किए गए थे. इसी की मदद से सद्दाम हुसैन और उसके दो बेटों को मारने का की कोशिश भी की गयी थी जोकि नाकाम हुई थी.
a B-1B Lancer assigned to 34th EBS, on the move at Andersen Air Force Base, Guam, in support of a Bomber Task Force mission, Feb. 4, 2023. (SSgt Ericka A. Woolever) pic.twitter.com/ObmPdtMq9Y
— J.J. (@kadonkey) April 13, 2023
फ्यूचर में इस बम बरसाने वाली विमान में हाइपरसोनिक मिसाइल AGM-183 ARRW लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है. यह मिसाइल 1600 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर मार करती है. इसकी गति 7962 किलोमीटर से 9878 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच है. यानी इस बी-1बी बमवर्षक के साथ इस मिसाइल का कॉम्बीनेशन बेहद घातक होगा.