गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को सुनाई उम्रकैद की सजा
गांधीनगर (Gandhinagar) की अदालत ने आसाराम (Asaram) को उम्रकैद की सजा सुनाई है और ये सजा आसाराम को दुष्कर्म के मामले में दी गयी है. जानकारी के अनुसार, आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला 2013 में दर्ज हुआ था. हालांकि, पीड़िता के साथ दुष्कर्म 2001 से 2006 के बीच हुआ था. वहीं अब इस मामले पर फैसला देते हुए गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को उम्रकैद (Asaram life prison) की सजा दी है.
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जानिए क्या है पूरा मामला
ये मामला उस समय का है जब एक लड़की छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी. वहीं एक दिन उसके माता-पिता का फोन आया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है, उस पर भूत-प्रेत का साया है और अब आसाराम ही उसे ठीक कर सकते हैं. जिसके बाद लड़की के माता-पिता उसे लेकर जोधपुर स्थित आश्रम पहुंचे और लड़की ने अपने माता-पिता को बताया कि आसाराम ने कुटिया में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. जिसके बाद 15 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया गया. नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आने के कुछ ही महीनों बाद दो बहनों ने भी केस दर्ज करवाया. इसी के साथ इस मामले में आसाराम के बेटे पर भी दुष्कर्म का आरोप लगा था.
आसाराम के बेटे पर भी लगा दुष्कर्म का आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, एक बहन ने आसाराम पर आरोप लगाया तो दूसरी ने नारायण साईं के खिलाफ केस दर्ज करवाया. दोनों बहनों ने दुष्कर्म (Rape), अप्राकृतिक यौन संबंध (unnatural sex) और अवैध तरीके से बंधक (Kidnapped ) बनाने का आरोप लगाया. बहनों का आरोप था कि आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं ने 2001 से 2006 के बीच उनका दुष्कर्म किया. इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया. एक बहन ने सूरत में नारायण साईं के खिलाफ तो दूसरी ने अहमदाबाद में आसाराम के खिलाफ केस दर्ज करवाया था.
जानिए अब तक क्या-क्या सजा मिली
अहमदाबाद (Ahmedabad) में दर्ज हुए मामले में पीड़ित महिला ने इस मामले में आसाराम और सात अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म और अवैध तरीके से बंधक बनाने का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया था. हालांकि, सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने इस मामले में सिर्फ आसाराम को ही दोषी माना है. बाकी 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. जबकि, ट्रायल के दौरान ही अक्टूबर 2013 में एक आरोपी की मौत हो गई थी.
वहीं जोधपुर के आश्रम में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में आसाराम को अप्रैल 2018 में दोषी ठहराया गया था. जोधपुर की अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके बाद, अप्रैल 2019 में सूरत की अदालत ने नारायण साईं को दुष्कर्म का दोषी माना. नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही पीड़ित को 5 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश भी सुनाया. इसी के साथ अब गांधीनगर की अदालत आसाराम को दोषी ठहरा चुकी है और अब उम्रकैद की सजा सुनाई है.