
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री (Maharaj Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham) महाराष्ट्र के अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की वजह से एक समय चर्चा में आए थे. दरअसल, अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनेक खिलाफ एक FIR दर्ज करवाई है साथ ही उन्हें चुनौती दी है और एक इनाम की भी घोषणा करी है. जिसकी वजह से बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री फिर से अपने चमत्कार की वजह से चर्चा में आ गये हैं.
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बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री एक बड़ा दरबार लगाते हैं और दरबार में आए लोगों के बारे में किसी के बिना बताए ही मन की बात कागज के एक पर्चे पर लिख देते हैं और इस समस्या का निवारण भी बताते हैं और इस दौरान ही पंडित शास्त्री कस्बों-शहरों में जाकर श्रीराम कथा के साथ अपना दरबार (Darbar) लगाते हैं। वहीं इस चमत्कार को लेकर अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनके खिलाफ जादू टोना करने और अंध विश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए मुंबई के मीरा रोड पुलिस थाने में शिकायत दी है. इसी के साथ उन्होंने बागेश्वर महाराज को चुनौती दी है कि वह 10 लोगों के बारे में यदि सही जवाब देते हैं तो उन्हें समिति की ओर से 30 लाख रुपये दिए जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंध श्रद्धा उन्मूल समिति के श्याम मानव ने मीरापुर थाना पुलिस पुलिस को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जादू टोना करते हैं और मंत्र पढ़ कर बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं. यह सबकुछ अंध विश्वास को बढ़ावा देने वाला है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि धीरेंद्र शास्त्री के यूट्यूब पर पड़े कई वीडियो देखने से भी इस बात की पुष्टि होती है.इस आधार पर उन्होंने मीरापुर थाना पुलिस ने बागेश्वर महाराज के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके प्रस्तावित कार्यक्रम को रोकने की अपील की है. श्याम मानव ने समिति के लेटर हेड पर मीरा पुर थाना पुलिस को भेजे शिकायती पत्र में लिखा है कि महाराष्ट्र में ड्रग्स एंड मजिक रेमेडीज एक्ट 2013 कानून लागू है. ऐसे में किसी व्यक्ति को किसी भी तरह का अंधविश्वास फैलाने पर पूर्णत: रोक है. बावजूद इसके यदि कोई व्यक्ति ऐया कार्यक्रम करता है तो उसे प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि धीरेंद्र शास्त्री में ऐसी कोई शक्ति नहीं है, जो वह खुद से लोगों के बारे में सबकुछ जान लें. यदि ऐसी कोई शक्ति है तो वह उनकी चुनौती स्वीकार करें. इसमें उन्हें 10 लोगों के बारे में सटीक जानकारी देनी होगी. यदि वह ऐसा कर देते हैं तो समिति की ओर से उन्हें 30 लाख रुपये नगद दिए जाएंगे. वहीं यदि वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मान लिया जाएगा कि वह केवल अंध विश्वास फैलाते हैं और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा.
आपको बता दें, महाराष्ट्र के नागपुर में बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री का दरबार का आयोजन हुआ, लेकिन यह दरबार दो दिन पहले ही खत्म कर दिया गया. दरबार को 13 जनवरी तक चलना था, लेकिन यह अचानक 11 जनवरी को ही खत्म हो गई। और इसकी वजह अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति सदस्य और प्रसिद्ध एक्टिविस्ट श्याम मानव (Shyam manav) हैं जिन्होंने ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चमत्कारिक शक्तियों का दावा साबित करने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि पंडित शास्त्री सबके सामने अपनी शक्तियां साबित करके दिखाएं। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने महाराष्ट्र में लागू The drugs and Magic Remedies कानून के तहत एफआईआर दर्ज कराने की धमकी भी दी थी। जिसके बाद बाबा अंध श्रद्धा उन्मूलन कानून के डर से रायपुर चले आए.
, अंधविश्वास और जादू-टोना को लेकर महाराष्ट्र में एक कानून बनाया है और इस कानून को लेकर कहा जाता है कि यहाँ पर अंधविश्वास और जादू-टोना को लेकर लंबे समय तक आंदोलन हुआ. इसमें कई लोगों की जानें भी गईं. इसके बाद वहां 2013 में महाराष्ट्र मानव बलि और अन्य अमानवीय कृत्य की रोकथाम एवं उन्मूलन अधिनियम पारित किया गया. इसके जरिए राज्य में अमानवीय प्रथाओं, काला जादू आदि को प्रतिबंधित किया गया. इस कानून का एक खंड विशेष रूप से 'godman’ (स्वयंभू भगवान या उनका अवतार) के दावों से संबंधित है. यह उनके लिए है जो दावा करते हैं कि उनके पास अलौकिक शक्तियां हैं. वहीं इस कानून के तहत ही धीरेंद्र शास्त्री पर करवाई की गयी है.
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