मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीती रात एक बड़ा घटना घट गई। भोपाल के हमीदिया कैम्पस में बने कमला नेहरू अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में बीती रात अचानक आग लग गई, जिसके चलते 4 नवजात बच्चों के जिंदा जलने की वजह से मौत हो गई।
चाइल्ड वार्ड में लगी भीषण आग
हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड में जब आग लगी, तो उस वक्त वहां पर 40 बच्चे एडमिट थे, जिनमें से 4 की मौत की दुखद खबर सामने आई है। जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार जिस वक्त आग लगी उस दौरान वहां का नजारा बेहद ही भयावह था। बच्चे वार्ड में थे और वहां चारों ओर धुआं ही धुआं। जब वार्ड में से बच्चों को निकालने का काम किया जा रहा था, तो पुलिस ने बिल्डिंग में किसी को भी जाने की परमिशन नहीं दी।
भयावह था वो मंजर
अंदर आग के धुएं में बच्चे और बाहर उनके परिजन रोते बिखलते और मिन्नतें करते हुए नजर आ रहे थे। रातभर अस्पताल के बाहर चीख-पुकार मचती रहीं, जो सुबह होने तक ससकियों में बदल गईं। कड़ी मशक्कत के बाद आग को तो बुझा दिया गया, लेकिन इस दौरान पीड़ितों के परिजनों को कभी नहीं मिटने वाले दर्द मिल गए। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है।
घटना को लेकर क्या कह रहे परिजन?
कमला नेहरू अस्पताल में हुए इस हादसे को लेकर परिजन कई गंभीर आरोप हॉस्पिटल के स्टाफ पर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। परिजन ये आरोप लगा रहे हैं कि जब ये हादसा हुआ, उससे 5 मिनट पहले ही वॉर्ड के अंदर मौजूद नर्स और वार्ड बॉय के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इस दौरान दोनों एक दूसरे धमकियां दे रहे थे। इसके कुछ ही देर बाद वहां ये हादसा हो गया।
सिर्फ इतना ही नहीं कुछ परिजन तो अस्पताल की मैनेजमेंट पर मौत का आंकड़ा भी छिपाने के आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि आग लगने की वजह से सिर्फ 4 बच्चों की मौत नहीं हुई, बल्कि ये आंकड़ा ज्यादा है, जिसे अस्पताल का मैनेजमेंट छिपा रहा है। यही वजह है कि परिजनों को उनके बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा।
बच्चों की मौत के बाद अस्पताल के बाहर परिजन काफी हंगामा करते नजर आ रहे हैं, जिसकी वजह से वहां फोर्स की तैनाती की गई है। जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल के चाइल्ड वार्ड में आग रात करीब 9 बजे लगी थी। पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली और जो देखते ही देखते उस वॉर्मर तक पहुंच गई, जहां बच्चों को रखा गया था। कोई कुछ समझ पाता तब तक पूरे वार्ड में धुआं भर गया।