Cost on Premanand Maharaj Illness – पीले वस्त्र धारण कर और माथे पर पीला तिलक लगाए वृंदावन वाले संत श्री प्रेमानंद महाराज जी खुद को राधा रानी का परम भक्त मानते हैं और हर समय उनके जुबान पर राधा नाम होता है. जहाँ प्रेमानंद महाराज जी रोजाना राधा नाम का सत्संग करते हैं तो वहीं वो अपने सत्संग के जरिए लाखों लोगों को जिंदगी जीने की नयी सीख भी देते हैं लेकिन लाखों लोगों को जिंदगी जीने की नयी सीख देने वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी की दोनों किडनी खराब हैं लेकिन इसके बाद भी वो भगवान का स्मरण करना नहीं भूलते हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि प्रेमानंद जी महाराज की बीमारी का 1 दिन का खर्च कितना है.
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महाराज जी की 10 से 15 सालों से दोनों किडनी है खराब
जानकारी के अनुसार, संत श्री प्रेमानंद महाराज जी की दोनों किडनी खराब है लेकिन इसके बावजूद भी वो रोजाना भी संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन करते हैं यहाँ कि परिक्रमा जरुर करते हैं. वहीं वो कई बार अस्वस्थ भी हो जाते हैं लेकिन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी का नाम हमेशा उनकी जुबान पर रहता है.
प्रेमानंद जी की बीमारी पर 1 दिन का खर्चा
संत श्री प्रेमानंद महाराज जी की 10 से 15 सालों से दोनों किडनी खराब हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी को पॉलीसिस्टिक किडनी रोग Ploycystic Kidney Disease है और इस वजह से उनकी दोनों किडनी खराब हो गयी और दोनों किडनी खराब होने की वजह से उन्हें डायलिसिस करवाना पड़ता है और इसके लिए काफी खर्चा होता है.
Cost on Premanand Maharaj Illness – मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संत श्री प्रेमानंद महाराज जी पॉलीसिस्टिक किडनी रोग होने की वजह से शरीर को स्वस्थ रखने के लिए डायलिसिस करवाना पडता हैं डायलिसिस को आर्टिफीसियल किडनी कहा जाता है. जो काम किडनी करती है वैसा ही प्रोसेस डायलिसिस की मशीन करती है ताकि शख्स स्वस्थ रह सकें. वहीं इस डायलिसिस को हफ्ते में 2 से 3 दिन करवाना पड़ता है और इसमें 1500 से 2000 का खर्चा आता है यानि हफ्ते में डायलिसिस का खर्चा 4,500 से 6000 के बीच है.
महाराज जी रोजाना करते हैं वृंदावन की परिक्रमा
आपको बता दें, दोनों किडनी खराब होने के बाद और हफ्ते में 2 से 3 दिन डायलिसिस प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी संत श्री प्रेमानंद महाराज जी के चेहरे पर हर दम हंसी रहती है. वो रोजाना सुबह के समय वृंदावन की परिक्रमा करते हैं और इस दौरान कई लोग सुबह के समय उनके दर्शन करने के लिए आते हैं तो वहीं वो रोजाना भगवान का स्मरण करते हैं साथ ही सत्संग भी करते हैं.
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