कभी कभी हमें ऐसा लगता हम स्वस्थ्य है हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है. और ये हमारे जीवन का सबस बड़ा भ्रम है जिसकी सबसे बड़ी वजह होती है हमारे घर से बाहर खाने वाले खानपान स्वास्थ्य के प्रति अनदेखी करने से कभी-कभी पूरे शरीर में या फिर किसी अंग विशेष में सूजन आ जाती है विशेषकर पैरों में सूजन आना एक आम समस्या है लेकिन यदि ऐसा बार-बार हो तो यह शरीर में छिपी किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है.
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यह शरीर में अत्यधिक पानी एकत्रित होने के कारण होता है और यह हृदय लिवर या किडनी की किसी समस्या का संकेत होता है. पतंजलि के मालिक आचार्य श्री बालकृष्ण जी टाटा 1mg की वेबसाइट पर लिखते हैं कि जब शरीर में अतिरिक्त पानी या फ्लूइड जमा हो जाता है तो शरीर में सूजन आने लगती है जिसे इडिमा कहा जाता है. जब यह सूजन टखनों, पैरों और टांगों में आती है तो उसे पेरीफेरल इडिमा कहते हैं. कभी-कभी लम्बे समय तक सफर करने या अनुचित आहार-विहार के कारण भी पैरों में हल्का सूजन आ जाना यह कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन ज्यादा समय तक रहने वाला सूजन गंभीर बीमारी का संकेत होता है.
पैरों में सूजन किस चीज के लक्षण?
आयुर्वेद में शरीर में किसी भी अंग में आई सूजन को ‘शोथ’ कहा गया है. शोथ होने पर कफ और वात दोष(vata dosha) मुख्य रूप से दूषित होते है. वात और कफवर्धक आहार के अधिक सेवन एवं अनुचित जीवनशैली के यह दोष असंतुलित होकर शरीर में जिस जगह अवरूद्ध हो जाते है वहाँ पर शोथ उत्पन्न करते है.
एलोपैथिक उपचार में दी गई औषधियों के कारण ज्यादा मूत्र होने की वजह से सूजन कम होने लगता लेकिन इन दवाइयों के सेवन से व्यक्ति को साइड इफेक्टस होने का खतरा रहता है परंतु आयुर्वेदिक उपचार या प्राकृतिक उपचार होने की वजह से सूजन को ठीक करता है और शरीर पर इसके कोई विपरीत प्रभाव यानी साइड इफेक्ट्स नहीं पड़ते. आयुर्वेदिय उपचार केवल सूजन को नहीं बल्कि रोग को बिल्कुल ठीक करके शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.
पैरों में सूजन के मुख्य कारण
- पैर में मोच आना.
- दूर तक सैर करना.
- बहुत देर तक पैरों को लटका कर बैठना.
- ज्यादा देर तक खड़े रहना, व्यायाम या फिर खेल-कूद आदि.
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep vein thrombosis (DVT) की समस्या.
- रेनल फेल्योर (Renal failure) के कारण.
- हृदय संबंधित रोग.
- उच्च रक्त चाप (High Blood Pressure)
- महिलाओं में गर्भावस्था के समय.
- कुछ महिलाओं में मासिक धर्म के एक सप्ताह पहले भी पैर में सूजन की समस्या देखी जाती हैं क्योंकि इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से किडनी ज्यादा पानी रोकना शुरू कर देती है.
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सूजन से बचने के उपाय
- पैरों में सूजन होने से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है-
- जंकफूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन बिल्कुल न करें.
- संतुलित एवं सुपाच्य आहार लें, फाइबर युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें जैसे- सेब, नाशपाती, केला, गाजर, चुकन्दर, ब्रोक्कली, अंकुरित अनाज, दालों में मूंग, मटर, राजमा, चने, जौ, बादाम, चिया के बीजआदि.
- अधिक नमक एवं अधिक मीठे का सेवन न करें.
- प्रतिदिन चुकन्दर (Beetroot) का सेवन करें, यह मूत्रल (diuretic) होने के साथ ही सूजन को भी कम करता है.
- सब्जियों में कद्दू (Pumpkin) का सेवन अवश्य करें. इससे ज्यादा मूत्र निकलने लगता है तथा सूजन को कम करने में मदद करता है.
- अधिक पानी का सेवन न करें.
- अपने पैरों को लटका कर न बैठें और बहुत दूर तक पैदल न चलें.
- मद्यसेवन एवं कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- सुबह उठकर नियमित रूप से प्राणायाम करें.
- आयुर्वेदिक इलाज के दौरान इन चीजों से करे परहेज-
- जंक फूड, बासी भोजन, ठण्डे एवं खट्टे पदार्थों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
- अधिक पानी न पिएँ.
- नमक का सेवन बहुत कम करें.
- अधिक दूर तक पैदल नहीं चलना चाहिए.
घरेलु नुस्खे (Home Remedies)
आप दवाओ से भले ही कितना इलाज करवा लें लेकिन वो कहीं न कहीं तेम्प्रोरी सा लगता है जो कुछ दिन बाद फिर से शुरू हो जाता है इसलिए ग्रामीण लोग ज्यादातर घरेलु नुस्खों पर भरोसा करते हैं.
- धनिया की ताजी पत्तियाँ और धनिया के सूखे बीज दोनों में ही सूजन को ठीक करने के गुण होते है. पैरों में सूजन होने पर एक कप पानी को उबलने के लिए रख दें और इसमें तीन चम्मच साबुत धनिया डाल दें. इसे उबलकर पकने दें जब तक कि पानी आधा ग्लास न बचे. अब इसे उतारकर छान लें और एक चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार इसे पिएँ.
- गरम पानी में नमक डालकर उसमें पैरों को डुबाएँ जब पानी ठण्डा हो जाए तब पैरों को निकाल लें.
- थोड़े से जैतून के तेल में दो-तीन कली लहसुन काटकर भून लें और फिर इसमें से लहसुन अलग कर लें. अब इस तेल को पैरों पर लगाकर दिन में दो-तीन बार मालिश करें, इससे पैरों की सूजन ठीक होती है और दर्द से भी राहत मिलती है.
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- नींबू पानी के नियमित सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. इससे पैरों के साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाली सूजन भी दूर हो जाती है. एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएँ.
- एक गिलास पानी में एक छोटे टुकड़े अदरक को डालकर उबालें. अच्छी तरह पक जाने पर इसे गुनगुना करके पिएँ या फिर चाय में अदरक का इस्तेमाल करें.
कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी है कारगर
पैरों की सूजन को दूर करने के लिए आप कॉन्ट्रास्ट हाइड्रोथेरेपी(Contrast Hydrotherapy) भी कर सकते हैं. इस थेरेपी में 2 फुट तक ठंडा और गर्म दोनों तरह का पानी अलग-अलग टब में भर लें. पहले अपने पैरों को 3-4 मिनट गर्म पानी में डाल कर रखें, इसके तुरंत बाद पैरों को 1 मिनट तक ठंडे पानी में डालें. इसी प्रक्रिया को 15 से 20 बार दोहराएँ जब तक सूजन न चली जाए इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएँ.
डॉक्टर के पास कब जाएं?
अनुचित खानपान एवं जीवनशैली के कारण पैरों में कभी-कभी सूजन आ सकती है जो कि घरेलु उपाय एवं आराम करने से खुद ही ठीक भी हो जाती परंतु बार-बार पैरों में सूजन की समस्या रहने पर या एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक सूजन बने रहने पर यह गुर्दों से संबंधित या हृदय से संबंधित बीमारी होने का संकेत होता है. अत: इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करना चाहिए.
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