दुनिया अभी कोरोना के कहर से उभरी भी नहीं थी कि अब मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी। देश में केरल के बाद अब राजधानी दिल्ली में भी मंकीपॉक्स का एक मरीज मिला है। इस मरीज को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के फैलने के बाद अब इसने भारत में भी अपने पैर पसारने शुरु कर दिए है। हालांकि इसे लेकर कई राज्यों ने तैयारियां शुरु कर दी है। इसी बीच आज हम आपको मंकीपॉक्स कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और शारीरिक संबंध से इसका क्या ताल्लुक है आइए बताते है।
अगर कोई शख्स मंकीपॉक्स से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने से ये वायरस फैलता है। जिसमें खासतौर पर इस बात का ख्याल रखना होता है कि संक्रमित शख्स के शरीर पर उभरे लाल दानों को ना छुआ जाए। मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स को न ही छुए और न ही उनके किसी भी सामान को इस्तेमाल करें। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की हर चीजे अलग रखी जाए। जैसे की उसके कपड़े, टॉवल, बिस्तर आदि। उनके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को अगर कोई और व्यक्ति भी इस्तेमाल करें तो ये संक्रमण फैलता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के करीब बैठने पर उसकी छींक या खांसी से निकले ड्रॉपलेट्स से भी ये संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति को फैल सकता है।
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मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर इसके लक्षण तकरीबन 5 से 21 दिन में दिखाई देने लगते है। इसमें तेज बुखार, ठंड लगना, थकावट, शरीर दर्द, कमर दर्द जैसे शुरुआती लक्षण दिखने लगते है। ये सभी लक्षण चेहरे के साथ-साथ शरीर के बाकी हिस्सों पर भी दिखाई देते है। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के गुप्तांगों पर भी दाने निकलने लगते है। हालांकि कुछ सप्ताह में ये लक्षण ठीक भी हो जाते है।
पुरुषों में मिले ज्यादा केस
आमतौपर ये मंकीपॉक्स संक्रमण किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। लेकिन इसी बीच मंकीपॉक्स का सेक्स कनेक्शन भी सामने आया है। इनमें ज्यादातर केस पुरुषों और गे में पाए गए है। जिसका साफ अर्थ ये है कि दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाए जाने पर भी ये फैल रहा है। राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के त्वचा रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर करीब सरदाना ने मीडिया को जानकारी देते हुए सेफ सेक्स की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा केस असुरक्षित सेक्स के दौरान सामने आ रहे है।
सेक्सुअल कॉन्टैक्ट को लेकर गाइडलाइंस जारी
डॉक्टर के मुताबिक, जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी ने यूरोप और यूके के छह क्लस्टर के ब्यौरे में मंकीपॉक्स के संक्रमण ज्यादातर पुरुषों में पाएं गए है। इसका असर उनके शरीर के चेहरे, पैर या हाथ से ज्यादा गुदा और बाकी गुप्तांगों पर मिला है। यूके और न्यूयॉर्क सिटी के डेटा एनालाइसिस के बाद सेक्सुअल कॉन्टैक्ट को लेकर नई गाइडलाइंस जारी हो रही है। इसमें खासतौर पर कंडोम के इस्तेमाल की विशेष सलाह दी जा रही है। बहरहाल उन्होंने ये भी बताया संक्रमण के फैलने का केवल एक यही रास्ता नहीं है, बल्कि संक्रमित शख्स के करीबी संपर्क में किसी भी तरह से आने पर ये संक्रमण फैल सकता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
मंकीपॉक्स को लेकर डॉक्टर ने बार-बार हाथ धोने और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा अपने पार्टनर से उनके सेक्शुअल हेल्थ के बारें में जानकारी लें और लक्षण मिलने पर एक मीटर की दूरी बनाकर रखे। उनका कोई भी सामान इस्तेमाल न करें। इसके अलावा मंकीपॉक्स के ज्यादा केस वाले देशों में जाने से बचे।
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मंकीपॉक्स का इलाज
मंकीपॉक्स के लक्षण मिलने पर घबरायें नहीं। आमतौर पर ये लक्षण अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसे ठीक होने में 2-3 सप्ताह का समय लग सकता है। कुछ केसों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है, हालांकि वहां एंटिबॉयोटिक्स और पेनकिलर्स के अलावा कई और दवाईयां दी जाती है, जिसे संक्रमण खत्म हो जाता है। वहीं मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक वैक्सीन को भी मंजूरी दी गई है।