भारतीय कफ सीरप से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार, 5 अक्टूबर को भारत के चार कफ और कोल्ड सिरप पर अलर्ट जारी कर दिया है। WHO ने भारत की मैडन फार्मास्यूटिकल्स को उनके चार कफ और कोल्ड सिरप को लेकर चेतावनी दी है। भारत स्थित मैडन फार्मासुटिकल्स लिमिटेड कंपनी की इन खांसी की सिरप को सेहत के लिए जानलेवा बताते हुए WHO ने कहा कि इससे किडनी में गंभीर जख्म हो जाते हैं । पश्चिम अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के लिए भी WHO ने इसी भारतीय कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है।
WHO ने अपने एक मेडिकल प्रोडक्ट रिपोर्ट में यह बात कही है कि, “रिसर्च लैब में हुई जांच के दौरान इन सभी सैंपल्स में जरूरत से ज्यादा ही डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई है।” WHO ने अपनी चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि विवादित सिरप अब तक गाम्बिया में पाए गए है, हालांकि उन्हें अन्य देशों में भी वितरित किया जा सकता था। जिन चार सिरप को लेकर चेतावनी जारी की गई है उनमें प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं। WHO ने अपने बयान में ये भी कहा कि अभी तक की जानकारी के अनुसार इन दवाओं को बनाने वाली कंपनी ने इस से जुड़ी सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
घातक केमिकलों से बनी हैं ये दवाएं
WHO ने बुधवार को कहा कि भारत के हरियाणा में बनी बच्चों की यह चारों दवाएं घातक केमिकलों के प्रयोग से बनी है और ये दवाएं दोयम दर्जे की हैं। इन दवाओं की शिकायत सितंबर में ही की गई थी, जिनमे प्रोमेथजाइन ओरल सल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मेकआफ बेबी कफ सिरप और मैगरिप एंड कोल्ड सिरप शामिल हैं। जांच के दौरान पता चला है कि इन दवाइयों में मात्रा से अधिक डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल मिले हुए हैं। यह दोनों ही केमिकल मानव शरीर के लिए घातक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं।
गाम्बिया में मचा हाहाकार
जाहिर सी बात है की इस हादसे के बाद गाम्बिया में हाहाकार मचा हुआ है। ये जो हादसा हुआ वह लोगों के से बहार था, जिस कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ने से अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। गाम्बिया के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अब किसी भी तरह के सीरप को लेने से पहले जांच करना बेहद जरुरी है, बिना जांच कोई भी सीरप ना ख़रीदे। उन्होंने यह घोषणा भी कि की मैडन फार्मासिटीकल के उत्पाद से दूर रहें और इसे खरीदने से बचें। बता दें, गाम्बिया में बच्चों को अचानक सर्दी-खांसी हुई तो सभी को मैडन फार्मासिटिकल का कफ एंड कोल्ड सीरप पिलाया गया था। इसके बाद से बच्चों की तबियत में सुधार होने की जगह और बिगड़ती गई। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह भारतीय कंपनी गाम्बिया में किस स्तर पर अपने उत्पादों की बिक्री करती है।
किडनी में जख्म होने के मामले आए सामने
दूसरी तरफ, गाम्बिया सरकार ने बताया कि पिछले हफ्ते पांच साल से कम उम्र के बच्चों में किडनी में गहरे जख्म होने के मामले सामने आये, जिससे 66 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद बच्चों की मौत की जांच की गई जिसमें इसका जिम्मेदार भारतीय कफ सिरप को माना गया है। सबसे पहले जुलाई में किडनी की खराबी से बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे। इस पर WHO का कहना है कि अन्य देशों और स्थानों पर भी ऐसे घातक तत्व वाली दवाइयां पाए जाने पर उनका कतई इस्तेमाल नहीं करें और तुरंत WHO को खबर करें।
पहले भी हो चूका है ऐसा मामला
गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने अस्पतालों को पेरासिटामोल का उपयोग बंद करने के लिए कहा था। कहा जा रहा था की इस दवा के जांच के परिणाम लंबित होने के कारण, गुर्दे की विफलता से कम से कम 28 बच्चों की मौत हो गई थी।
Also read- बढ़ रही कनाडा में भारतियों के साथ हिंसा, खालिस्तानी एंगल होने की आशंका