तुर्की में आए भूकंप को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट हुई जारी
तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अभी तक कई हज़ार लोगों की जान जा चुकी है और ये आकंडा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच तुर्की को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें तुर्की को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है.
तीन मीटर खिसका तुर्की
तुर्की में आया 7.8 की तीव्रता का भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया के शहर मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया। इस आपदा में जहाँ 8 हजार लोगों की मौत की खबर है. तो वहीं एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि भूकंप ने टेक्टोनिक प्लेट को करीब तीन मीटर तक खिसका दिया। भूकंप का अध्ययन करनेवाले विशेषज्ञों ने बताया अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट के उत्तर की ओर खिसकने के चलते यह प्रलयकारी भूकंप आया। उन्होंने ये भी बताया कि तुर्की भूकंप के प्रति संवेदनशील है क्योंकि यह एक ऐसे प्रमुख फॉल्टलाइन पर स्थित है जो एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट से जुड़ा हुआ है। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि भूकंप के बाद तुर्की ‘सीरिया की तुलना में पांच से छह मीटर’ तक खिसक सकता था.
ऐतिहासिक चीजों को हुआ नुकसान
सोमवार को आये इस भूकंप से तुर्की की ऐतिहासिक चीजों को बड़ा हुआ नुकसान हुआ हुई. यहाँ की ऐतिहासिक मस्जिद इस भूकंप तबाह हो गई है तो . तुर्की के मालाटया शहर में स्थित यह ऐतिहासिक येनी कैमी (Yeni Camii) मस्जिद खंडहर में तब्दील हो गई. यह मस्जिद 100 साल से अधिक पुरानी थी लेकिन भूकंप से यह तहस-नहस हो गई है. इससे 100 सालों का इतिहास जुड़ा हुआ है, जो अब मलबे में दब गया.
डॉग्स की मदद से किया जा रहा है रेस्क्यू
मेक्सिको के चर्चित रेस्क्यू डॉग तुर्की में मलबों में इंसानों की तलाश में मदद कर रहे हैं. बता दें, मेक्सिको अपने ट्रेन्ड और विशेष खोजी कुत्तों के लिए जाना जाता है. उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेट के किनारे है, ऐसे में यहां भी भूकंप आता रहता है. मेक्सिको में अक्सर कुत्तों का इस्तेमाल रेस्क्यू अभियान में किया जाता है. वहीं अभी तक 16 कुत्तों की टीम मेक्सिको से रेस्क्यू के लिए तुर्की पहुंची है.
ख़राब मौसम बना रेस्क्यू में चुनौती
इस समय तुर्की में बर्फबारी भी जारी है. ऐसे में यहां रेस्क्यू अभियान में काफी दिक्कत हो रही है. इतना ही नहीं खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर की भी लैंडिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में तमाम मदद प्रभावित इलाकों में सड़क के रास्तों से पहुंच रही है. भूकंप से तुर्की-सीरिया कॉरिडोर भी तबाह हो गया है. ऐसे में सड़क के रास्ते सीरिया तक मदद नहीं पहुंच पा रही है.
देश में लगी तीन महीने इमरजेंसी
वहीं राष्ट्रपति अर्दोगन ने देश के दस प्रांतों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है. स्कूलों को 13 फरवरी के लिए बंद कर दिया गया है. वहीँ इस बुरे हालात से निपटने के लिए भारत समेत 70 देशों ने तुर्की के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है.