Ukraine से स्वदेश लौटे आधे अधूरे डॉक्टर को केंद्र सरकार ने दी राहत
भारत (India) से कई स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वहीं इन स्टूडेंट्स में से कई ऐसे भी हैं जो यूक्रेन में मेडिकल शिक्षा लेते हैं क्योंकि यूक्रेन (Ukraine) को मेडिकल शिक्षा (medical education) की पढ़ाई के लिए सबसे बेहतर जगहों में से एक माना गया है। लेकिन 24 फरवरी 2022 को रूस (Russia) ने यूक्रेन के साथ युद्ध की शुरुआत की थी और इस युद्ध को 6 महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। वहीं इस युद्ध के बीच लाखों लोग बेघर हो गए साथ ही अन्य देश अपने नागरिकों को यहाँ से सुरक्षित वापस ले आया। इसी बीच मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारत से यूक्रेन गए कई छात्र भी बिना डॉक्टर की डिग्री लिए स्वदेश वापस लौट आये जिसके बाद ये सवाल खड़ा हो गया कि मेडिकल की शिक्षा पूरी किये बिना यूक्रेन से भारत लौटे आधे अधूरे डॉक्टर का क्या होगा। लेकिन इस बीच अब भारत की सरकार ने इस लोगों को एक बड़ी राहत दी है।
केंद्र सरकार ने 20 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स को दी राहत
दरअसल, रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध अभी खत्म होने के कगार पर नहीं आया है। जहाँ रूस अपनी तरफ से हमला करने पर लगा हुआ है। वहीं यूक्रेन भी रूस के हमले का मुहंतोड़ जवाब दे रहा है लेकिन इस युद्ध के बीच स्वदेश लौटे आधे अधूरे डॉक्टर को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच स्वदेश लौटे 20 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स को राहत देते हुए घोषणा करी है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन परीक्षा में बैठने की परमिशन मिलेगी।
इससे पहले नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) ने नियमों के बारे में बताते हुए राहत देने से मना कर दिया था। लेकिन अब कमीशन ने एनओसी जारी की। वहीं इस एनओसी (NOC)के मुताबिक ये स्टूडेंट अब दुनिया के किसी भी मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। हालांकि, नेशनल मेडिकल कमीशन के मुताबिक इन स्टूडेंट्स को स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम 2002 के अन्य मानदंड पूरे करने होंगे।
दो साल तक करनी होगी इंटर्नशिप (Internship)
वहीं नेशनल मेडिकल कमीशन ने 23 जून को एक शपथ पत्र जारी करते हुए कहा है कि कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएशन परीक्षा पास करने पर ऐसे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को मौजूदा नियम के मुताबिक एक साल के बजाय दो साल के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (Internship) करना होगी। इस इंटर्नशिप के बाद ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट रजिस्ट्रेशन (foreign medical graduate registration) के लिए पात्र होंगे।
यूक्रेन से भी मिलेगी डिग्री
वहीं यूक्रेन की कुछ मेडिकल यूनिवर्सिटीज ने विदेशी छात्रों को मोबिलिटी या ट्रांसफर प्रोग्राम लेने के लिए कहा था और ये फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने विदेश मंत्रालय की सलाह पर लिया है। वहीं जारी सूचना के अनुसार, अब स्टूडेंट्स को मेडिकल की डिग्री यूक्रेन की यूनिवर्सिटी (University) द्वारा ही दी जाएगी।
यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को मिली थी बुरी खबर
रूस और यूक्रेन के जंग के बीच में पढ़ाई छोड़कर स्वदेश लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को एक खबर मिली थी। खबर थी कि स्वदेश लौटे स्टूडेंट्स को भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल सकेगा। 22 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में लोकसभा में इसकी जानकारी दी गई। वहीं केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री भारती पवार ने लोक सभा (Lok Sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) ने इसकी अनुमति नहीं दी है’। इन एनएमसी (NMC) की मंजूरी के बिना यूक्रेन (Ukraine) से लौटे इन मेडिकल स्टूडेंट्स को न तो किसी भारतीय मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर मिल सकेगा, न ही इन्हें एकोमोडेट किया जा सकेगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध को होने वाले हैं 7 महीने का समय
24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध को सितम्बर 24 तारीख को 7 महीने का पूरे हो जाएंगे। वहीं इस युद्ध को लेकर जानकारी है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि सितंबर में उनकी सेना रूस के कब्जे से 6 हजार वर्ग किमी जमीन आजाद करा चुकी है। इसमें 3 हजार वर्ग किमी जमीन तो बीते गुरुवार से शनिवार के बीच छुड़ाई गई है। वहीं खबर ये भी है कि पूर्वी यूक्रेन में खार्किव के पास भीषण लड़ाई चल रही है। वहीं अभी तक यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्वी हिस्से में रूस की सेना के सप्लाई रूट के लिए बेहद अहम कस्बों इजियम और कूपियांस्क पर कब्जा कर लिया है।
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