हैप्पी टू सी यू…ये थे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के वो अलफ़ाज़ जो उन्होंने कोर्टरूम में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देखते ही कहे. और मामला था अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान की गिरफ्तारी का. देशभर में करीब 50 घंटो तक सियासी बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया. लेकिन इस फैसले के बाद चीफ जस्टिस बंदियाल खुद सरकार के निशाने पर आ गए. उन पर इमरान खान की तरफदारी के आरोप लग रहे हैं. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को रिहा करने के आदेश दिए.
New footage of Imran Khan's arrest has emerged. pic.twitter.com/uSXarFLo7b
— Siasat.pk (@siasatpk) May 11, 2023
पाकिस्तान की सत्तारूढ़ सरकार भड़क गई. पाकिस्तान सरकार के मंत्री एक-एक कर सुप्रीम कोर्ट और बंदियाल की आलोचना करने लगे. पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने चीफ जस्टिस बंदियाल पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस तब कहां गए थे, जब उन्हें (ख्वाजा) जेल जाना पड़ा था. अदालत ने मेरे साथ ऐसी नरमी क्यों नहीं दिखाई? क्यों इमरान खान पर ही इस तरह की मेहरबानी की जा रही है? कोर्ट के इस तरह के डबल स्टैंडर्ड्स क्यों हैं?
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
दरअसल फ़रवरी 2022 में उमर अंत बंदियाल ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ ली थी. पाकिस्तानी मीडिया में आम धारणा यही है कि जस्टिस बंदियाल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी हैं. ऐसे कई मौके भी आए हैं, जब इमरान खान के कई मांगों पर सुप्रीम कोर्ट ने फुर्ती दिखाई है. ऐसा ही एक मामला पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव कराए जाने को लेकर था.
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि अदालत इसे शाम को जारी करेगी।
— sanjay kumar sahay (@sksahay) April 7, 2022
दरअसल पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में इस साल 14 और 18 जनवरी को विधानसभा भंग कर दी गई थी, जिसके बाद इमरान खान शहबाज सरकार पर इन प्रांतों में जल्द चुनाव कराए जाने पर जोर दे रहे थे. लेकिन शहबाज सरकार उनकी इस मांग के आगे झुकी नहीं. ऐसे में बंदियाल ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया.
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इमरान खान के करीबी रहे हैं उमर अता बंदियाल
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल पर इमरान खान के करीबी होने के आरोप लगते रहे हैं. इतना ही नहीं राष्ट्रपति आरिफ अल्वी खुलकर इमरान खान का साथ देते हैं, क्योंकि वो उन्हीं की पार्टी के हैं. उमर अता बंदियाल को सीजेआई बनाने को उन्हीं ने मंजूरी थी. दरअसल इमरान खान पर कई मामले चल रहे हैं, चार मामलों में तो उन्हें अयोग्य ठहराया जाना तय है लेकिन हैरानी की बात है इन मामलों में वो कोर्ट में पेश तक नहीं हुए हैं.
बंदियाल की सास पीटीआई समर्थक?
ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, जब बंदियाल की सास महजबीन नून और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकील ख्वाजा तारिक रहीम की पत्नी राफिया तारिक के बीच की ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें दोनों को पाकिस्तान के सियासी घटनाक्रमों पर बात करते सुना गया था. इस क्लिप के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में बंदियाल परिवार की पीटीआई से करीबी पर खूब चर्चा हुई थी.
Help us to raise our voices for the citizens of Pakistan who are being oppressed by the current fascist government supported by the COAS General Asim Munir! https://t.co/frMxcUadYc pic.twitter.com/LpkWCnmkfv
— Farah Swati (@humanityhopeor1) May 11, 2023
शहबाज सरकार में मंत्री मरियम नवाज ने उस समय बंदियाल पर तंज कसते हुए कहा था कि अब कोर्ट के फैसले ‘बीवियों’ और ‘सास’ की पसंद और नापसंद के आधार पर लिए जा रहे हैं. यह अप्रोच देश के लिए घातक है. मरियम ने सुप्रीम कोर्ट को ‘सास कोर्ट’ तक कह डाला था.
इमरान क्यों चाहते हैं जल्दी चुनाव?
इमरान खान चाहते हैं कि पाकिस्तान में जल्द चुनाव हो जाएं. इसके बाद अगर वो प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें कोर्ट किसी भी मामले में कोर्ट में पेश होने को नहीं कह पाएंगी. इसी वजह से सत्ताधारी पार्टी नहीं चाहती है कि पाकिस्तान में अगले साल सिंतबर से पहले चुनाव नहीं कराना चाहते. पाक में सत्तारूढ़ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट चाहती है कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रिटायर्ड होने के बाद चुनाव हो.
इमरान क्यों हुए थे गिरफ्तार?
इमरान खान उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया. इसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना करना था. दस्तावेजों में ट्रस्ट के कार्यालय का पता “बनी गाला हाउस, इस्लामाबाद” के रूप में उल्लेख किया गया है.
Al Qadir Trust case against IK perfectly captures venality of ALL our ruling elite – politicians, judges, generals, businessmen & media.
So long as anti-corruption laws are used only for political victimisation instead of true accountability – we can never end corruption. (1/n)
— Salahuddin Ahmed (@SalAhmedPK) May 11, 2023
बुशरा बीबी ने बाद में 2019 में एक निजी रियल एस्टेट फर्म, बहरिया टाउन के साथ दान प्राप्त करने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ट्रस्ट ने अपने सौदे के हिस्से के रूप में बहरिया शहर में 458 कनाल, 4 मरला और 58 वर्ग फुट की भूमि प्राप्त की.
458 कनाल भूमि की कीमत को कम करके आंका
पाकिस्तान के वर्तमान आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह के अनुसार, इस 458 कनाल भूमि में से इमरान खान ने अपना हिस्सा तय किया और दान की गई 240 कनाल भूमि बुशरा बीबी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम पर ट्रांसफर कर दी. सनाउल्लाह ने दावा किया कि इस जमीन के मूल्य को कम करके आंका गया और इमरान खान ने विश्वविद्यालय के नाम पर अपना हिस्सा प्राप्त किया.
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उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम इमरान खान ने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी. इन आरोपों के बाद, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्वीट किया कि इमरान खान ने रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज को लगभग 190 मिलियन पाउंड दिए, जिन्हें बाद में ब्रिटिश अधिकारियों को यह राशि देनी पड़ी ताकि यह जांच की जा सके कि यह पैसा पाकिस्तान की किसी आय से था या नहीं.
चंदे में अरबों रुपये मिले और रिकॉर्ड में कम दिखाया
मलिक रियाज ने एक ट्रस्ट को सैकड़ों एकड़ जमीन भी दान की, जिसके सदस्य इमरान खान, बुशरा बीबी और फराह गोगी थे. ट्रस्ट को 2021 में अल-कादिर विश्वविद्यालय नामक एक निर्माणाधीन संस्थान के लिए दान के नाम पर लाखों रुपये मिले, जिसका उद्घाटन 5 मई, 2019 को इमरान खान द्वारा किया गया. इमरान खान इस ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं.
Visuals when Rangers arrested Imran Khan — case : Al Qadir Trust – warrants issued by NAB pic.twitter.com/3GhCFfgH1f
— Kamran Shahid (@FrontlineKamran) May 9, 2023
यह घोटाला तब सामने आया जब पाकिस्तान के मीडिया ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपये प्राप्त किए गए थे, जबकि रिकॉर्ड में लगभग 8.52 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का खर्च दिखाया गया था. उन्होंने आगे पूछा कि जब संस्थान को एक ट्रस्ट के रूप में स्वीकार किया गया था तो संस्थान छात्रों से शुल्क क्यों ले रहा है.
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