खालिस्तान को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास आ गयी है. जहाँ हाल ही में जी 20 के दौरान दोनों देश के नेता गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे से मिले थे तो वहीं अब जी20 के बाद कनाडा लौटते ही पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत को लेकर एक बयान दिया और अब भारत के साथ ट्रेड मिशन को रोकने का ऐलान किया लेकिन इससे भारत को नहीं बल्कि कनाडा का बड़ा नुकसान होगा.
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पीएम जस्टिन ट्रूडो ने किया ट्रेड मिशन को रोकने का ऐलान
जानकारी के अनुसार, कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा ट्रेड मिशन को रोकने का ऐलान के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ेगा लेकिन कनाडा की इकॉनमी पर असर पड़ना तय है. दरअसल, भारत और कनाडा के बीच अब तक के व्यापारिक संबंध अच्छे रहे हैं. भारत कनाडा का 10वां ट्रेडिंग पार्टनर रहा है दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात लगभग बराबर के हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड को लेकर कनाडा की निर्भरता भारत पर अधिक है.
भारत से क्या खरीदता है कनाडा
वहीं भारत कनाडा को हीरे-जवाहरात, बहूमूल्य रत्न , दवाईयां, रेडीमेड कपड़े, अनस्टिच कपड़े, ऑर्गनिक रसायन, हल्का इंजीनियरिंग समान, लोहा और स्टील निर्यात करता है. इसी के साथ भारत में 600 से कनाडाई कंपनियां काम कर रही है.व हैं अगर भारत और कनाडा के रिश्ते खराब होते हैं तो इसका असर बिज़नेस के साथ नौकरी पर भी पड़ेगा. वहीं भारत कनाडा से दाल, न्यूजप्रिंट, कोयला, फर्टीलाइजर, दालें, वुड पल्प और एल्युमीनियम जैसे सामान इंपोर्ट करता है लेकिन भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब होने पर भारत किसी और देश से इन सामनों को इंपोर्ट कर सकता है।
जानिए क्या है विवाद
भारत और कनाडा के बीच विवाद खालिस्तान को लेकर है. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो और विदेश मंत्री ने कनाडा के संसद में बयान दिया है कि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक था और उसकी भारत ने हत्या करवाई , कनाडाई पीएम ने कहा कि कनाडाई इंटेलीजेंस एजेंसी निज्जर की हत्या के मामले की जांच कर रही है. ब्रिटिश कोलम्बिया में 18 जून को खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. वहीं ट्रूडो ने यह भी कहा कि नई दिल्ली में G20 समिट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसका जिक्र भी किया. उन्होंने पीएम मोदी को बताया है कि भारत सरकार का इस मामले में शामिल होना स्वीकार योग्य नहीं होगा. ट्रूडो ने पीएम मोदी से मामले में की जांच में संभावित सहयोग की भी बात की है.
इसी के साथ भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री और विदेशी मंत्री के इस बयान को खारिज कर दिया है. वहीं सरकार ने अपने बयान में कहा कि कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार की भूमिका होने का आरोप लगाना बेतुका और प्रेरित करने वाला है. इसी के साथ ये भी कहा है कि हम लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला देश हैं और कानून के सही पालन को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं. वहीं भारत सरकार के बयान में कहा गया कि इस तरह के आरोप खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से फोकस हटाने के लिए दिया जा रहा है, जोकि कनाडा में लंबे समय से रहते हैं और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. कनाडा सरकार लंबे समय से इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही. इससे स्थिति और भी चिंताजनक होती जा रही है.
जहाँ कनाडा के पीएम के द्वारा दिए गये बयान के बाद ये खबर आई कि कनाडा ने देश से भारतीय राजनयिक को देश से निकाल दिया है तो वहीं भारत सरकार ने देश में मौजूद कनाडा के सीनियर डिप्लोमैट को निकाल दिया है और उन्हें देश छोड़ने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है.