उत्तराखंड के खैट पर्वत पर है परियों का निवास? जानिए इस जगह के दिलचस्प किस्से

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khait parvat stories – उत्तराखंड में देवता वास करते हैं और इस वजह से इसे देव भूमि उत्तराखंड कहा जाता है. जहां उत्तराखंड में देवी-देवता, भूत-परेत को लेकर कई सारी कहानी हैं तो वहीं यहाँ पर परियों का भी देश है. जिसे उत्तराखंड की आम भाषा में आछरी कहा जाता है.

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उत्तराखंड के खैट पर्वत है परियों का देश

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परियों का जिस देश के बारे में हम बात कर रहे हैं वो उत्तराखंड के खैट पर्वत पर है जो टिहरी गढ़वाल में स्थित है और ये पर्वत समुद्रतल से करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर है. ये पर्वत गुंबदाकार आकार में है जिसकी वजह से इसे खैट पर्वत कहते हैं.  उत्तराखंड के खैट पर्वत को लेकर कई कहानियां फैली हुई है और उत्तराखंड की लोकल गढ़वाली भाषा में कहा जाता है कि इस पर्वत पर आंछरी निवास करती हैं और इस वजह से इसे परियों का देश कहा जाता है.

गांव की रक्षा करती है परियां

मान्यता के अनुसार, उत्तराखंड में एक राजा हुआ करते थे जिनका नाम आशा रावत था जिनकी 9 पुत्रियां ही आछरी बन गई. परियों के देश के सबसे नजदीक थात गांव है. जहाँ के लोगों को कहना है कि उनके गांव की रक्षा हजारों सालों से परियां निवास करती है और कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं कि उन्हें खैट पर्वत पर कई बार परियों के दर्शन भी हुए हैं. वहीं इस थात गॉव से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर खैटखाल नाम का एक मंदिर है जिसे यहां के रहस्यों का केन्द्र माना जाता है। यहां परियों की पूजा होती है और जून के महीने में मेला लगता है।

सुंदरता से भरपूर है यह पर्वत

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परियों वाला यह क्षेत्र देखने में तो बेहद सुंदर है. खैट पर्वत पर साल भर चारों ओर हरियाली रहती है, यहां के पेड़ों पर फल फूल हमेशा लगे रहते हैं. हालांकि, अगर आप यहां से कोई पौधा बाहर लेकर जाएं और सोचें कि इसे वहां लगा दें तो कुछ ही दिनों में यह सूख जाएगा. कहते हैं कि इस पर्वत पर अखरोट और लहसुन की खेती अपने आप हो जाती है. यहाँ ओर ये पौधे अपने आप ही उग जाते हैं.

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कहा जाता है कि परियों को चटकीला रंग, शोर और तेज संगीत पसंद नहीं है इसलिए यहां इन बातों की मनाही है. वहीँ कहा ये भी जाता है कि जीतू नाम के शख्स ने एक बार यहां बांसुरी बजा रहा था और इस धुन से आकर्षित होकर परियां उसके सामने आ गईं और उसे अपने साथ ले गईं।

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