Home आस्था प्रेमानंद जी के सत्संग: भजन में कुछ दिन तो मन अच्छा लगता है फिर संसार में चला जाता है, ऐसा क्यों

प्रेमानंद जी के सत्संग: भजन में कुछ दिन तो मन अच्छा लगता है फिर संसार में चला जाता है, ऐसा क्यों

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प्रेमानंद जी के सत्संग: भजन में कुछ दिन तो मन अच्छा लगता है फिर संसार में चला जाता है, ऐसा क्यों
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श्री प्रेमानंद महाराज जी जो वृंदावन में रहते हैं और हर समय उनकी जुबान पर राधा रानी का नाम होता है. श्री प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी को अपना ईश्वर और खुद को उनका भक्त मानते हैं जहाँ सुबह 2 बजे उठकर महाराज जी वृंदावन की परिक्रमा बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है. वहीं इस बीच महाराज जी ने बताया है कि भजन मे कुछ दिन तो अच्छा मन लगता है फिर संसार मे चला जाता है ऐसा क्यों होता है.

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महाराज ने बताया भजन में मन लगाने का तरीका 

दरअसल, महाराज जी से मिलने के लिए दीपांशु गौर नाम का एक शख्स मिलने आया था और इस शख्स ने सवाल किया कि जब महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन का मन व्यतीत हुआ तब श्री कृषण ने उन्हें इस समस्या का समाधान बताते हुए कहा था कि अगर तुम अपना मन शांत करना चाहते हो तो भगवत चिंतन करो और सारे मोह को त्याग दो. वहीं इस शख्स ने आगे कहा कि भजन मे कुछ दिन तो अच्छा मन लगता है फिर संसार मे चला जाता है ऐसा क्यों होता हैं.

वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब महाराज ने बताया कि ये काम तब नहीं होगा जब तक आप पूर्ण रूप से इस काम खुद को समर्पित नहीं करते हैं, जब अपक खुद को इस काम में समर्पित तब तब भजन के कुछ देर ध्यन लगेगा लेकिन कुछ देर बाद मन उठ जायेगा. इसी पूर्ण रूप से  समर्पित होने के बाद ही ये काम होगा.

पहले महाराज ने बताया ईर्ष्या खत्म करने का उपाय

इससे पहले महाराज जी से मिलने आई महिला जिसका नाम मनीषा शर्मा था है उस महिला ने महाराज जी से सवाल किया कि दूसरों की तरक्की देखकर ईर्ष्या होती है तो क्या करें. वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए महाराज जी ने कहा कि ये दोष है काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद मत्सक और मद्सरी. इसका मतलब ये है मुझसे आगे बढ़ रहा हैं ये सब माया माल दोष हैं. इसी के साथ महाराज ने बताया कि अगर आप सब में अपने प्रभु को देखते हैं तो हमें ये जलन नहीं होगी. मेरे प्रभु इस रूप में ऐसा खेल रहे हैं और मेरे लिए क्या आदेश हमें ये देखना चाहिए. अगर हम ऐसा करते हैं तो जलन और ईर्ष्या नही होगी. महाराज ने दिया था

सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं महाराज जी

आपको बता दें, महाराज जी राधा रानी को अपना ईश्वर साथ ही खुद को भक्त मानते हैं. महाराज जी की जुबान पर श्री जी का नाम होता है और श्री जी के नाम से ही वो भजन करते हैं. जहाँ प्रेमानंद महाराज जी जहाँ सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते हैं.

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