धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाड़ू और क्या है इसकी मान्यता
Diwali से पहले देश में धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है और इस त्यौहार पर लोग सोना,चांदी, बर्तन जरुर खरीदते हैं वहीं इन सभी चीजों के साथ एक अहम चीज झाड़ू भी खरीदा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन कोई दूसरी चीज न भी खरीदें लेकिन झाड़ू जरूर खरीदनी चाहिए
झाड़ू खरीदने की मान्यता
कहा जाता है कि धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदकर उससे घर की सफाई की जाए तो घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. वहीं झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दुष्ट शक्तियों का सर्वनाश करने वाला भी बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है और इससे दरिद्रता का नाश होता है. इसी के साथ ये भी कहा जाता है की धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से लक्ष्मी माता रुठकर घर से बाहर नहीं जाती हैं और वह घर में स्थिर रहती है.
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गलत झाड़ू ना खरीदें
धनतेरस के दिन बाजारों में कई तरह की झाड़ू मिलती है। लेकिन इस दिन सीकों वाली झाड़ू और फूलवाली झाड़ू ही खरीदनी चाहिए. वहीं इस दिन हल्की झाड़ू बिल्कुल भी न खरीदें. धनतेरस के दिन सीकों वाली झाड़ू खरीदते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसकी सीकें टूटी हुई न हों। क्योंकि ऐसी झाड़ू को खंडित माना जाता है।
झाड़ू की करें पूजा
धनतेरस के दिन खरीदी गई झाड़ू की पूजा करनी चाहिए। इस दिन झाड़ू की पूजा करने का विधान है क्योंकि झाड़ू को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इसके अलावा जब तक आप धनतेरस के दिन झाड़ू की पूजा न कर लें तब तक उसे ऐसी जगह पर रखें। जहां उसपर किसी की भी नजर उस झाड़ू पर न पड़े।
धनतेरस के दिन पुरानी झाड़ू कर दें बाहर
धनतेरस के दिन पुरानी झाड़ू को घर से बाहर कर देना चाहिए. झाडू को ऐसी जगह पर फेंके जहां किसी के पैर उस पर न लग पाएं। और नई झाड़ू को धनतेरस के दिन ही घर के अंदर लाएं। वहीं धनतेरस के अलावा अगर आप किसी अन्य दिन झाड़ू खरीद रहे हैं तो मंगलवार, शनिवार और अमावस्या तिथि के दिन ही झाड़ू खरीदें। मान्यता है कि शनिवार या अमावस्या के दिन नई झाड़ू का इस्तेमाल करने से घर पूरी तरह से दोष मुक्त हो जाता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है और वहीं अगर पुरानी झाड़ू को बाहर करना हो तो रविवार के दिन बाहर कर सकते हैं।
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