15 Facts about Sikhs in Hindi – दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा धर्म सिख धर्म है. सबसे युवा धर्मों में से एक सिख धर्म की स्थापना 1500 सीई के आसपास उत्तरी भारत और पाकिस्तान में पंजाब क्षेत्र में धार्मिक शिक्षक गुरु नानक द्वारा की गई थी. पंजाबी में सिख शब्द का अर्थ है ईश्वर का शिष्य और ये बात इस धर्म से तालुक्क रखने वाली हर शख्स के अंदर नजर आती है. वहीं ये धर्म लोग एक ही ईश्वर की पूजा करता है और ईमानदारी, दान, समानता और विश्वास के शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा रखता है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस धर्म की कुछ प्रमुख विशेषताएं के बारे में बताने जा रहे हैं.
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सिख धर्म की प्रमुख विशेषताएं
- सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नामक ने हिन्दुओं में व्याप्त कर्मकाण्डों विरोध किया और रूढ़ियों तथा अन्धविश्वासों के खिलाफ है.
- सिख धर्म एकेश्वरवाद का समर्थन करता है. उनका मानना है कि सम्पूर्ण संसार का एक ही ईश्वर है और वही सर्वत्र व्याप्त है.
- सिख धर्म अवतार के कॉनसेप्ट को खारिज करता है.
- सिख धर्म में मांस मदिरा भी प्रतिबंधित है और यहां तक कि तंबाकू के सेवन को लेकर भी कई बातें कहीं गई हैं.
मूर्ति पूजा में नहीं है सिख धर्म का विश्वास
- सिख धर्म का विश्वास मूर्ति पूजा में नहीं है. यह धर्म ईश्वर को सर्वव्यापक व शर्वशक्तिमान मानता है.
- इस धर्म का दृढ़ विश्वास है कि कोई भी व्यक्ति जन्म के कारण ऊंचा अथवा नीचा नहीं है. परमात्मा ने सभी को समान बनाया है, यदि कोई व्यक्ति समाज में छोटा या बड़ा है तो वह अपने कार्यों से है.
ईश्वर प्राप्ति पर जोर देता है ये धर्म
- सिख धर्म में अहंकार व कमों के प्रदर्शन को नहीं बल्कि ईश्वर प्राप्ति की और जोर देता है.
- गुरु नानक देव जी ने कहा है, जब तक मन को मानकर उसे ठीक न कर लिया जाय, तब तक कोई कार्य सिद्ध नहीं हो सकता. इसको अपने वश में कर लेना तभी सम्भव है, जब इसे निर्गुण राम के गुणों की की उलझन में डाल दिया जाए.
सिख धर्म ने आदर्शो व व्यवहारों पर दिया जोर
- सिख धर्म (15 Facts about Sikhs) में सिख गुरुओं ने व्यक्ति के आदर्शो व व्यवहारों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने पर अधिक बल दिया है और उसे आवश्यक भी समझा गया है.
- इसीलिए गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविन्द सिंह जी के समय तक सिख गुरुओं ने जिन सिद्धान्तों व उपदेशों की रचना की, उन्हें व्यवहार रूप में बदलने का भी पूरा प्रयत्न कया.
इस वजह से सिखों के लिए अनिवार्य है ये पांच चीजें
- सबसे अधिक प्रगतिशील व व्यावहारिक धर्म सिख धर्म ही है.
- इस धर्म को गुरु अर्जुन देव के अन्तिम समय से लेकर गुरु गोविन्दसिंह के समय तक मुसलमानों के कटुतापूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा.
- मुसलमान उनके खाने-पीने की चीजों को छूकर अपवित्र कर देते और उनको धर्म से विचलित करने का भी प्रयत्न करते थे. जिसके बाद गुरु गोविन्द सिंह ने प्रत्येक सिख अनुयायी के लिए पांच चीजें11 केश, कंघा, कृपाण, कच्छा व कड़ा अनिवार्य कर दिया.
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