देश-विदेश में अपने दरबार और कथा के लिए प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री श्रीराम कथा करते हैं साथ ही दरबार भी लगाते हैं. जहां बागेश्वर धाम के महाराज अपने दरबार में आए हुए लोगों के दुखों का निवारण करने के लिए मशहूर हैं तो वहीं बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री देश-विदेशों में जाकर श्रीराम कथा भी करते हैं और अपनी कथा के दौरान कई सारी ज्ञान की बातें भी बताते हैं. वहीं इस बीच बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने बताया है कि भोले बाबा को महादेव क्यों कहते हैं
महाराज ने बताया भोलेबाबा को क्यों कहते हैं महादेव
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने श्रीराम कथा के दौरान बताया कि भोले बाबा जैसा देवता कोई नही है और इसी वजह से उन्हें महादेव कहा जाता है. वहीं उन्होंने बताया कि भोले बाबा को महादेव इसलिए कहा जाता है क्योंकि दुनिया में जितने भी उप्रधि हैं वो उनके चेले हैं जैसे रावण महादेव के भक्त है सारे भूत-प्रेत महादेव के साथी है. वहीं बिच्छु और साँप भी महादेव के साथ है. महादेव ने ज़हर को पीया है और इन सभी वजह से भोले बाबा को महादेव कहा जाता है.
इसी के साथ बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने भी बताया कि भोले बाबा के गले में साँप और उनकी सवारी नंदी है तो उनकी पत्नी की सवारी शेर है बेटे कार्तिक की सवारी मोर और गणेश जी सवारी चूहा है इन सभी के बीच आपस में दुश्मनी है लेकिन ये महादेव की कृपा है कि ये सभी एक साथ रहते हैं.
महाराज ने बताई कलयुग की अच्छाई
इससे पहले बागेश्वर धाम के महाराज ने कलयुग की अच्छाई के बारे में बताया था. बागेश्वर धाम के महाराज ने बताया था कि कलयुग का एक और नाम है करयुग है जैसे करोगे वैसा पाओगे. वहीं बागेश्वर धाम के महाराज के कहा कलयुग में अच्छाई भी है. इस युग में भगवानका नाम लेने कि छूट है. वहीं जो भी भगवन का नाम लेता है उसे न यग करने कि जरूरत है न ही पूजा पाठ का बस भगवान का नाम है और उनकी नौका पार हो जाएगी.
लाखों की संख्या में है बागेश्वर धाम के भक्त
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री जहाँ श्री राम कथा के लिए फेमस थे तो वहीं इस कथा के दौरान वो दरबार भी लगाते हैं. बागेश्वर धाम के महाराज दरबार में आए लोगों की परेशानी दूर करते हैं तो वहीं श्रीराम कथा के दौरान उनके द्वारा बताई गयी बातें भी काफी चर्चा में रहती है. जहां बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं तो वहीं उनकी कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी आते हैं.
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