भारतीय संविधान (Indian Constitution) में कई सारे ऐसे कानून हैं जो भारत के नागरिक के हित के लिए बनाये गए हैं लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि इन कानूनों के बारे में ज़्यादातर नागरिकों को जानकारी नहीं है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको उन सभी कानूनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी जानकारी भारत के हर नागरिक को होनी चाहिए.
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वाहन के लिए हैं ये नियम
पहला है मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन -185,202, (Motor Vehicles Act, 1988, Section-185,202) इस नियम के तहत ड्रइविंग (Driving Rule) के समय यदि आपके 100ml ब्लड में अल्कोहल (alchol) का लेवल 30mg से ज्यादा मिलता है तो पुलिस उसी वक़्त बिना किसी वारंट के उसे गिरफ्तार कर सकती है. वहीं मोटर वाहन अधिनियम (motor vehicle act) की धारा 129 के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस (traffic police) के द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल से चाबी निकालना गैर कानूनी है इसके लिए अगर गाड़ी या मोटरसाइकिल मालिक ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी पर कानूनी कार्यवाही भी कर सकता है. वहीं मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 के तहत यदि आपका किसी दिन चालान (बिना हेलमेट के या किसी अन्य कारण से) काट दिया जाता है तो फिर दोबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नही काटा जा सकता है .
महिलाओं के लिए बने हैं ये नियम
इसी के साथ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (code of criminal procedure), सेक्शन 46, इस नियम के जरिये किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है. वहीं दंड प्रक्रिया संहिता,1973 के तहत महिलाओं को गिरफ्तार करने का हक सिर्फ महिला पुलिसकर्मी को ही है लेकिन गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरुष पुलिसकर्मी महिला को गिरफ्तार कर सकता है. वहीं भारतीय दंड संहिता, 166 A. (Indian Penal Code, 166 A.) के तहत पुलिस अफसर FIR लिखने से मना नही कर सकते, ऐसा करने पर उन्हें 6 महीने से 1 साल तक की जेल हो सकती है. पुलिस एक्ट,1861, (Police Act, 1861) इस नियम के तहत एक पुलिस अधिकारी ने यूनिफार्म पहनी हो या नही वो हमेशा ही ड्यूटी पर होता है. यदि कोई व्यक्ति अधिकारी से कोई शिकायत करता है और वो यह कहता है कि वो मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नही है तो ये एक अपराध है.
विवाह, रिलेशनशिप और गर्भवती महिला के लिए बने हैं ये नियम
भारतीय दंड संहिता व्यभिचार, धारा 498 (Indian Penal Code Adultery, Section 498), इस कानून के तहत कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमती से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नही आता है. इसी के साथ हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-13 (Section-13 of the Hindu Marriage Act) के तहत कोई भी (पति या पत्नी) कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है. घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 (Domestic Violence Act, 2005) इस नियम के तहत यदि दो वयस्क लड़का या लड़की अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो यह गैर कानूनी नही है और तो और इन दोनों से पैदा होने वाली संतान भी गैर कानूनी नही है और संतान को अपने पिता की संपत्ति में हक़ भी मिलेगा. मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 (Maternity Benefit Act, 1961) इस नियम के तहत कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है.
होटल में जाने गैस सिलेंडर और गिफ्ट के लिए भी बना है कानून
भारतीय सरिउस अधिनियम (indian serfs act) 1887 कानून तहत कोई भी होटल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों न हो, आपको फ्री में पानी पीने और वाशरूम का इस्तेमाल करने से नही रोक सकता है. यदि गैस सिलेंडर खाना बनाते समय फट जाये तो आप जान और माल की भरपाई के लिये गैस कम्पनी से 40 लाख रुपये तक की सहायता के हक़दार हैं. वहीं विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010 किसी कंपनी से किसी त्यौहार के मौके पर कोई गिफ्ट लेते हैं तो यह रिश्वत की श्रेणी में आता है और इस जुर्म के लिए आपको सजा भी हो सकती है.
सामान खरीदने, सैलरी ना मिलने पर कर सकते हैं करवाई
इसी के साथ अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014 (Maximum Retail Price Act, 2014) के तहत कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपये नही मांग सकता है परन्तु उपभोक्ता, अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए दुकानदार से भाव तौल कर सकता है . परिसीमा अधिनियम, 1963 (Limitation Act, 1963) के तहत ऑफिस आपको सैलरी नही देता है तो आप उसके खिलाफ 3 साल के अन्दर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं लेकिन यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट करते हैं तो आपको कुछ भी हासिल नही होगा.
अश्लील गतिविधि,गोद लेने का भी है नियम
वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (Indian Penal Code Section 294) के तहत यदि आप सार्वजनिक जगहों पर “अश्लील गतिविधि” (pornographic activity) में संलिप्त पाये जाते हैं तो आपको 3 महीने तक की कैद हो सकती है. परन्तु “अश्लील गतिविधि” की कोई स्पष्ट परिभाषा नही होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरूपयोग करती है. हिंदू गोद लेना और रखरखाव अधिनियम,1956 (Hindu Adoptions and Maintenance Act, 1956) नियम के तहत यदि आप हिन्दू हैं और आपके पास आपका पुत्र है, पोता है या परपोता है तो आप किसी दूसरे लड़के को गोद नही ले सकते हैं साथ ही गोद लेने वाले व्यक्ति और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना जरूरी है .
मकान खाली करवाने पर लागु होगा ये कानून
इसी के साथ दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958, धारा 14 (Delhi Rent Control Act 1958, Section 14) के तहत यदि आप दिल्ली में रह रहे हैं तो आपका मकान मालिक आपको बिना नोटिस दिए जबरन मकान खाली नही करा सकता है.
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