Nithari kand: निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को 16 अक्टूबर, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. दोनों को मिली फांसी की सजा भी अदालत ने रद्द कर दी है. मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को पिंकी नाम की लडकी की हत्या और रेप की कोशिश में 24 जुलाई, 2017 को सीबीआई कोर्ट ने दोषी ठहराया था. दोनों के खिलाफ हत्या के 16 में से आठवें मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. 2006 में नॉएडा के निठारी गावं में हुई एक वारदात ने पूरी दुनिया को हिला दिया था. सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर की वजह से नॉएडा का छोटा सा गावं निठारी पूरी दुनिया में पहचाना जाने लगा था. वारदात के इतने सालों बाद भी लोग उस घटना के बारे में सोच कर ही सहम जानते है, कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है. आईये पूरी वारदात के बारे में बताते है.
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क्या है निठारी कांड ?
Nithari kand: मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर सुरेंद्र कोली पर 2005 से लेकर 2006 तक बच्चों की हत्या का आरोप था. मोनिंदर सिंह पंढेर जो नॉएडा के सेक्टर 31, कोठी नंबर D-5 का रहने वाला है. इस मामले का खुलासा नेहा नाम की लडकी की हत्या की जाँच से हुआ था. पहले 31 बच्चों की हत्या का आरोप मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर पर लगा था. लेकिन जाँच से 19 लोगों की हत्या, यौन शोषण और शाबूत मिटाने का आरोप लगा था. जिनमे 10 लडकियां थी. बाद में कुछ केस में डीएनए सेम्पल न मिलने की वजह से उन्हें बरी करे दिया था.
मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे नाले से पुलिस को 19 कंकाल मिले थे, यह कंकाल बच्चों और महिलाओं के थे. इस घटना के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर सुरेंद्र कोली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई की जाँच में मानव हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 पैकेटों में मानव शारीर के अंगो को नाले में फैंका गया था. मामले में लापरवाही बरतने के लिए कई नॉएडा पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया था.
Some highlights of the case: मुख्य बातें
- 16 अक्टूबर, 2023 को निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. दोनों को मिली फांसी की सजा भी अदालत ने रद्द कर दी है.
- 24 जुलाई, 2017 को मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को पिंकी नाम की लडकी की हत्या और रेप की कोशिश में सीबीआई कोर्ट ने दोषी ठहराया था. दोनों के खिलाफ हत्या के 16 में से आठवें मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी.
- जनवरी 2015 में, रिम्पा की हत्या के मामले में नौकर सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्र क़ैद में बदल दिया था. उसे पहले अक्टूबर 2014 में, आरोपी नौकर सुरेंद्र कोली की फांसी पर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दी गई थी. रिम्पा की हत्या मामले में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि अदालत ने सुरेंद्र कोली की फांसी की सज़ा पर 29 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी.
- मई 2007 में, सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में पढ़ेर को 15 साल की रिम्पा नाम की बच्ची के किडनैप,रेप और हत्या के मामले में बरी कर दिया था. लेकिन कोर्ट ने पंढेर और कोली को दोषी क़रार देते हुए मौत सुनाई गई थी.
- 12 नवंबर 2006 को, एक लड़की मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी में सफाई के लिए अपने घर से गई, लेकिन वापस घर नहीं लौटी. परिवार के तलाशने के बाद भी जब उसका कुछ पता नहीं चला तो मामले को लेकर वह पुलिस थाने में पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की.
- 2006 में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे बने नाले में नई कंकाल पाए गए थे. इस मामले में पुलिस ने 19 केस दर्ज किए थे.