अतीक अहमद की जिन्दगी में कुछ ऐसे किरदार हैं जो अतीक के जेल में रहते हुए भी उसके जुर्म के साम्राज्य को बार चलाते रहे हैं आज हम अतीक के उन्ही किरदारों की बात करेंगे जिसके दम पर अतीक जेल में रहते हुए भी वो सारे कर्मकांड करता था जो वो जेल के दुनिया से बाहर रहकर कर था. बस फर्क इतना था कि पहले वो जेल के बाहर था और अब जेल के अन्दर. आज हम आपको उन्ही के गुर्गों से रूबरू कराएंगे कि आखिर कैसे अतीक अहमद के कुकर्मों का साम्राज्य फैला हुआ था.
पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)
उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद के साथ-साथ उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी अब पुलिस के निशाने पर है. पुलिस ने शाइस्ता पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है. पुलिस का आरोप है कि वो शाइस्ता परवीन ही है, जिसने ना सिर्फ एक-एक शूटर से बात की, उन्हें रुपये पैसे दिए, बल्कि वारदात को अंजाम देने के बाद कैसे भागना है, कैसे छुपना है, ये सब भी बताया और तो और पुलिस से बचने के लिए उसने ही अपने बेटे असद से शूटरों के लिए 16 मोबाइल फोन और 16 सिम कार्ड खरीदवाए और इन्हें शूटरों तक पहुंचाया था.
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पुलिस के मुताबिक शाइस्ता ही अतीक, असद और अशरफ के बीच की कड़ी थी. सीसीटीवी फुटेज में वो अतीक के शूटर साबिर के साथ जाती हुई दिखी. 19 फरवरी को शाइस्ता अतीक के शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु के घर गई थी. हत्या के दौरान उसी ने सारे शूटरों को 1-1 लाख रुपये का खर्चा-पानी दिया था. शाइस्ता ने ही शूटरों के लिए मोबाइल फोन भी खरीदवाए थे. कुल मिलाकर पुलिस की मानें तो अतीक के जेल जाने के बाद से शाइस्ता ही अब गैंग की कमान संभाल रही है.
भाई अशरफ अहमद (Ashraf Ahmad)
अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ का 1992 से ही आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. इसमें प्रयागराज के मुथिगंज थाने में अपहरण का मामला और रायबरेली और चंदौली जिलों में दर्ज कुछ अन्य मामले शामिल हैं. तीन मौकों पर अशरफ के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले वापस ले लिए गए. पुलिस ने अशरफ की 27.33 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. वो अभी बरेली की जेल में बंद है.
बता दें अतीक अहमद कई महीनों से गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग जैसे सैकड़ों केस दर्ज हैं. अतीक अहमद न सिर्फ क्राइम बल्कि राजनीति की दुनिया में जाना-माना नाम है. उसका नाम एक बार फिर से हत्या के मामले में जुड़ा है.
उमर अहमद (Umar Ahmad)
उमर अहमद अतीक अहमद का दूसरा बड़ा बेटा था 28 दिसंबर 2018 को लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में आलमबाग निवासी रियल एस्टेट के कारोबारी मोहित जायसवाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि देवरिया जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद ने अपने गुर्गों से गोमतीनगर ऑफिस से उसका अपहरण करा लिया था. इसके बाद तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया. उसका आरोप था कि अतीक ने एक सादे कागज पर उससे साइन करने को कहा.
जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तब अतीक के गुर्गों और बेटे ने उसे तमंचे और लोहे की रॉड से पीटा. बेहोशी की हालत में स्टांप पेपर पर साइन करा करीब 45 करोड़ी की प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली. इतना ही नहीं अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली है.
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असद अहमद (Asad Ahmad)
अतीक के सबसे छोटा बेटा असद अहमद लखनऊ से ऑपरेट करता था. असद ने लखनऊ के टॉप स्कूल से इसी साल 12वीं कक्षा पास की थी. वो पढ़ाई लिखाई में काफी तेज था. आगे की कानून की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था लेकिन परिवार के आपराधिक इतिहास की वजह से उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हुआ था. उमेश पाल केस में असद का गोलीबारी का सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद अब वह पुलिस की रडार पर है.
असद का पिता अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं जबकि उनके चाचा अशरफ उत्तर प्रदेश की बरेली जेल में बंद हैं. पिता और चाचा की गैरमौजूदगी में अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली पिछले कुछ सालों से गिरोह चला रहे थे, उस समय असद पढ़ाई कर रहा था. पुलिस को शक है कि असद ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाने के लिए जेल से अतीक और अशरफ से सलाह ली थी. और इसके ऊपर ढाई लाख का इनाम भी था.
अली अहमद (Ali Ahmad)
मोहम्मद अली भी जेल में है. अली पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज है. हाल ही में उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. हालांकि उसके खिलाफ एक और क्रिमिनल केस है जिसके चलते वो जेल से बाहर नहीं आ पाया. प्रयागराज में प्रॉपर्टी डीलर से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में वो नैनी जेल में बंद है.
गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim)
गुड्डू मुस्लिम का नाम अपराध की दुनिया में पहली बार तब चर्चा में आया, जब उसने 7 मार्च 1997 को लखनऊ के चर्चित लामार्टीनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कर दी. इस मामले में सबसे दिलचस्प ये रहा कि गुड्डू मुस्लिम गिरफ्तार हुआ, उसने जुर्म कुबूलने के साथ ही कैसे घटना को अंजाम दिया ये भी बताया. लेकिन पुलिस उसे दोषी साबित नहीं कर सकी और वह बरी हो गया.एसटीएफ,पुलिस को इसकी सरगर्मी से तलाश है. इसकी धरपकड़ के लिए राजरूपपुर ,चकिया,करैली, हटवा,सिविल लाइन, मुस्लिम हॉस्टल,कौशाम्बी पूर्वांचल सहित बिहार तक पुलिस टीम पहुंच गई है. बाहुबली माफिया अतीक अहमद के राइट हैंड के तौर पर गुड्डू मुस्लिम को जाना जाता है.
विधायक राजूपाल की 2005 में हुई हत्या में भी वह शामिल था. शुरुआत में उसका नाम इस हत्याकांड में शामिल नहीं था लेकिन 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद यह केस दोबारा खुला और जांच हुई तो उसमें अतीक के परिवार समेत छह शूटरों का नाम सामने आया जिसमें गुड्डू मुस्लिम का भी नाम था. सीबीआई-सीआईडी ने भी गुड्डू को दोषी पाया.
गुलाम मुहम्मद (Gulam Muhammad)
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी 5 लाख का इनामी शूटर मोहम्मद गुलाम शूटआउट के बाद अजमेर पहुंचा था. शूटआउट के बाद पुलिस को मोहम्मद गुलाम की लोकेशन अजमेर की दरगाह के आसपास मिली है. मारे गए शूटर विजय के फोन से पुलिस को अजमेर कनेक्शन मिला था.
शूटआउट से पहले भी विजय और मोहम्मद गुलाम अजमेर साथ गए थे. मोहम्मद गुलाम बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के निवर्तमान महानगर जिला अध्यक्ष राहिल हसन का भाई है. मोहम्मद गुलाम का नाम उमेश पाल शूटआउट केस में आने के बाद बीजेपी ने अल्पसंख्यक मोर्चा को भंग कर दिया था. शूटआउट के बाद पुलिस ने मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन को भी हिरासत में लिया था. लेकिन मोहम्मद गुलाम के बारे में कुछ पता नहीं चल सका.
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विजय चौधरी (Vijay Choudhary)
प्रयागराज के लालापुर इलाके का रहने वाला विजय चौधरी बाहुबली डॉन अतीक अहमद का कुख्यात शार्प शूटर था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक के बेटों ने ही परिवार के वफादार विजय चौधरी को उस्मान नाम दे दिया था. पुलिस ने बताया है कि प्रयागराज के ही कौंधियारा इलाके में हुई मुठभेड़ में विजय उर्फ उस्मान गोली लगने से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
दरअसल, 24 फरवरी को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल जैसे ही अपनी क्रेटा कार से उतरे थे, तभी घात लगाकर बैठे विजय उर्फ उस्मान ने फायरिंग शुरू की और गोली लगते ही उमेश जमीन पर गिर पड़े. फिर शूटर गुलाम मोहम्मद और बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत दूसरे बदमाशों ने उमेश समेत दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी. यह पूरा हत्याकांड घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया था.
शब्बीर (Shabbir)
उमेश पाल मर्डर प्रयागराज के आरोपियों में से एक शब्बीर का भाई उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक खेत में मारा पाया गया. डेड बॉडी की पहचान प्रयागराज के मरियाडीह गांव रहने वाले 50 वर्षीय जाकिर के नाम से हुई है. उमेश पाल की मर्डर में शामिल शूटर उसका भाई शब्बीर मामले में नाम आने के बाद से ही लापता है.
अरमान (Arman)
उमेश पाल मर्डर केस में अरमान पांच लाख रुपये का इनामी है. अरमान ही लाल रंग की बाइक से गुड्डू मुस्लिम बमबाज को लेकर आता है. उमेश पाल व दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के एक और करीबी बल्ली पंडित को गिरफ्तार किया है.