Rat Murder Case India – भारत में चूहा मारना आम बात है कई लोग चूहे को इसलिए मार देते हैं क्योंकि वो उनके सामान का नुकसान कर देता है तो वहीं कुछ लोग चूहा पकड़कर उसे छोड़ देते हैं क्योंकि वो समझते हैं कि चूहा मारना पाप है. लेकिन एक शख्स से ये पाप हो गया है और इस पाप की वजह से उसके ऊपर केस दर्ज हो गया है जो भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है. दरअसल, चूहे की हत्या के मामले में बदायूं पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ 30 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है और अब इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई होगी.
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जानिए क्या है मामला
यह मामला बीते साल 25 नवंबर का है. जब उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक मनोज नाम के युवक ने घर से चूहा पकड़ा था. वह चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर घर के बाहर नाले में डुबोने लगा. इसी दौरान पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा वहां से गुजर रहे थे। विकेंद्र ने मनोज को ऐसा करने से रोका तो उनसे बहस करने लगा. दोनों के बीच कहासुनी हुई तो विकेंद्र ने पुलिस को बुला लिया. विकेंद्र आरोपी मनोज पर एफआईआर दर्ज कराने की जिद करने लगे. पुलिस उसी दिन आरोपी को पकड़कर कोतवाली ले गई. इसके बाद चूहे का बरेली के आईवीआरआई में पोस्टमार्टम कराया गया था.
डूबने और दम घुटने से हुई चूहे की मौत
Rat Murder Case India – पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, चूहे की मौत पानी में डूबने और दम घुटने से हुई. रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि पानी में डुबोने की वजह से चूहे के फेफड़े फेफड़े में न सिर्फ पानी भर गया था बल्कि उसमें सूजन भी थी. इसकी वजह से लीवर भी संक्रमित हो गया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दर्ज हुआ मामला
वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद विकेंद्र एफआईआर दर्ज कराने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस ने बाद में विकेंद्र की तहरीर पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की और बाद में मनोज को कच्ची जमानत पर छोड़ दिया गया। पुलिस चूहे की हत्या के मामले की जांच में जुटी रही.
पांच महीने में तैयार हुई 30 पन्नों की चार्जशीट
इसके बाद जनवरी 2023 में बदायूं की कोतवाली पुलिस ने चूहे के कत्ल के सिलसिले में 30 पन्नो की चार्जशीट तैयार की. इसमें मुख्य आरोपी मनोज कुमार को बनाया गया. जिन धाराओं के तहत चार्जशीट दर्ज की गई है अगर वो सारे आरोप अदालत में साबित हो गए तो मनोज को पशु क्रूरता अधिनियम के तहत 10 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की सज़ा या आईपीसी की धारा 429 के तहत पांच साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.
हालांकि चार्जशीट दाखिल हुए तीन महीने हो चुके हैं. मगर अभी तक इस मामले का ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है.