उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष राही मासूम रजा पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है और ये केस दलित किशोरी के साथ रेप उसके बाद उसके पिता की हत्या करने आरोप में दर्ज किया गया है.
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जानिए क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, ये मामला सदर कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया है जिसमें भाजपा नेता पर आरोप लगे हैं कि उसने शहर में किराए पर रहने वाले संतकबीरनगर जिले की एक दलित परिवार की बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म किया, जब किशोरी के पिता ने दुष्कर्म करते देख लिया तो उसे अनजान जगह ले जाकर उसकी हत्या कर दी.
बेटी से दुष्कर्म के दौरान पिता की कर दी गयी हत्या
इस घटना को लेकर कोतवाली पुलिस को पीड़ित 17 वर्षीय किशोरी ने जानकारी दी है कि यह घटना 28 अगस्त की रात आठ बजे की है. राही मासूम रजा उसके कमरे में घुस आया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा. तभी उसके पिता घर आ गए और बेटी के साथ हो रही दरिंदगी देख उसे बचाने की कोशिश की जिसके बाद मासूम रजा, उसके पिता को घसीट कर कहीं अनजान जगह ले गया और उसकी हत्या कर दी. वहीं पीडिता ने ये भी बताया कि इस घटना के दौरान के उसकी छोटी बहन के साथ छेड़छाड़ भी की और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी गयी.
किशोरी पीडिता ने ये भी बताया कि उसका परिवार संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल क्षेत्र का रहने वाला है और काम की तलाश में उसके पिता उसे और उसकी 3 बहन और साथ ही आठ साल के बेटे के साथ महाराजगंज आए थे. उसके पिता फुटपाथ के किनारे चाट-पकौड़ा बेचते थे. वहीं महाराजगंज में वे सभी किराये के मकान में रहते थे और इसी दौरान किशोरी का परिवार आरोपी के संपर्क में आ गया.
पार्टी ने प्रदेश नेतृत्व को भेजी मामले की रिपोर्ट
वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष राही मासूम रजा के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म समेत कई अन्य गंभीर धाराओं में कार्रवाई होने के बाद भाजपा जिला संयोजक संजय पांडेय ने बताया कि रिपोर्ट भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष के अलावा प्रदेश नेतृत्व को भेज दी गई है.
वहीं पुलिस ने ये मुकदमा 302, 376,354, 452, 323, 504, 506, बाल संरक्षण अधिनियम, 3/4 3(2) (v) जैसी आईपीसी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है और अब पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है.
2017 में भी समाने आया था ऐसा ही मामला
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश में ऐसा ही मामला पहले भी हुआ था. कई सालों पहले ऐसा ही मामला उन्नाव में हुआ था और इस ममाले की जाँच सीबीआई ने की थी. इस मामले में पूर्व बीजेपी नेता कुलदीप सेंगर और उसके साथियों पर 2017 में नाबालिग को अगवाकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. दिल्ली कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर (53) को 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे. सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था. वहीं इस मामले में पीड़ित के पिता को फंसाया गया था और उसेहिरासत में भेज दिया गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
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