भारत में जहां कई सारे धर्म को फॉलो किया जाता है तो वहीं यहां पर हिन्दू धर्म को फॉलो करने वाले की संख्या करोड़ो में हैं और इस समय देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार हिन्दु धर्म को आगे बढ़ा रही है. बीजेपी ने जहाँ अपनी सत्ता पर काबिज होने के बाद हिन्दु धर्म को आगे बढाया तो वहीं बीजेपी सरकार पर धर्म की राजनीती करने का आरोप लगे हैं. इसी बीच भारत में कई लोग है जिन्होंने धर्म के नाम पर विवादित बयान देकर इंसानियत में जहर घोला है लेकिन इस बयान से बीजेपी को काफी फायदा हुआ है.
बागेश्वर धाम के महाराज ने दिया था साईं बाबा पर बयान
विवादित बयान देने की लिस्ट में सबसे पहले नाम बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का है. बागेश्वर धाम के महाराज ने साईं बाबा को लेकर एक बयान दिया था. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि साईं बाबा कोई भगवान नहीं हैं। साईं बाबा संत और फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता है। धीरेन्द्र शास्त्री ने शंकराचार्य की बात का उदाहरण देते हुए कहा कि शंकराचार्य ने कभी भी साईं बाबा को देवता का स्थान नहीं दिया था। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री होते हैं, इसलिए हर सनातनी को उनकी बात मानना बहुत जरूरी है।
वहीं इसके बाद बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बयान दिया था और इस बयान को लेकर उन्होएँ मांफी भी मांगी. बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र ने भगवान सहस्त्रबाहु को लेकर बयान दिया था कि यहां पर बहुत से बुद्धि और तर्क के लोग ब्राह्मण और क्षत्रियों में आपस में टकराने के लिए उपाय करते रहते हैं. कहा जाता है कि 21 बार क्षत्रियों से भूमि विहिन कर दी गई थी. बात मजाक और हंसी की यह है कि अगर एक बार क्षत्रियों को मार दिया गया तो 20 बार क्षत्रिय कहां से आए? 21वीं बार की जरूरत क्यों पड़ी? ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे? सहस्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश है. वहीं महाराज के इस बयान के बाद जहाँ उनका विरोध हुआ.
बीजेपी नेता ने कहा मुस्लिम वोटों की नहीं है ज़रूरत
इसी के साथ बीजेपी नेता के.एस.ईश्वरप्पा ने कर्नाटका चुनाव के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि शहर में क़रीब 60 हज़ार मुसलमान हैं, हमें उनके वोटों की ज़रूरत नहीं है. इसी के साथ बीजेपी नेता के.एस.ईश्वरप्पा ने भी कहा कि बीजेपी की सरकार के दौरान हिंदू सुरक्षित रहे हैं और किसी ने हिंदुओं पर हमला करने की हिम्मत नहीं की है.
मुस्लिम भाइयों से कहा नहीं दो वोट
वहीं एक बार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा ने मुस्लिम वोटर्स को लेकर विवादित बयान दिया था. रतलाम के जावरा में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा ने उन्होंने कहा कि जावरा के मुस्लिम भाइयों से कहना चाहता हूं, क्योंकि तुम वोट तो हमें दोगे नहीं, इसलिए तुम वोट डालने ही मत जाना। भैय्या इतना कर दो यार, इसमें तुम्हारी भी रह जाएगी और हमारी भी रह जाएगी.
मुस्लिम समाज को देश से बाहर फेंक देने का किया जिक्र
इसी के साथ बीजेपी प्रवक्ता और करणी सेना प्रमुख सूरज पाल अमू ने एक बार फिर मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया था गुरुग्राम में हुई महापंचायत में बीजेपी नेता अमू ने कहा कि ‘अगर वे अपनी दाढ़ी काटना जानते हैं तो हम जानते हैं कि उनका गला कैसे काटा जाए.’ इसी के साथ उन्होंने महापंचायत में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो ‘इन’ लोगों के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव पास करें ताकि उन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाए और सभी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएं.
बाबा रामदेव ने इस्लाम और मुसलमानों पर लगाया था आरोप
इसी के साथ योगगुरु बाबा रामदेव का इस्लाम और मुसलमानों को लेकर बयान दिया था. बाबा रामदेव ने कहा कि इस्लाम धर्म मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है. मुसलमानों के लिए सिर्फ नमाज पढ़ना जरूरी है और नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो, सब जायज है. चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, चाहे जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आए वो करो. इसी के साथ रामदेव ने ईसाई धर्म पर बोलते हुए कहा कि दिन में चर्च जाकर मोमबत्ती जलाओ, सारे पाप धुल जाएंगे, लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा कुछ नहीं होता. इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी जन्नत (स्वर्ग) का मतलब है कि टखने के ऊपर पायजामा पहनों, मूंछ कटवा लो और टोपी पहन लो. फिर कहते हैं कि जन्नत में अपनी जगह पक्की हो गई. वहां हूरें मिलेंगी और मदिरा पान करने को मिलेगा. रामदेव ने कहा कि ऐसी जन्नत तो जहन्नुम से भी बेकार है. फिर भी लोग मूंछ कटवा रहे हैं और टोपी पहन रहे हैं. ये पागलपन है. लोग इसी चक्कर में पड़े हुए कि सारी जमात को इस्लाम में बदलना है.
इस्लाम धर्म को ठहराया गया आरोपी
वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी धर्म को लेकर बयान दिया था कि इस्लामिक आक्रमण के कारण भारतीय समाज में बाल विवाह, सती प्रथा, विधवा पुनर्विवाह पर प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयां उत्पन्न हुईं, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं का दमन किया गया। मध्यकाल में महिलाओं और लड़कियों को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे।
वहीं उन्होंने मध्यकाल को एक बहुत ही कठिन समय बताते हुए कहा, ‘‘पूरा देश पराधीनता से जूझ रहा था। मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया गया और महिलाओं को खतरे में डाल दिया गया। दुनिया भर में लाखों महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बाजारों में बेच दिया गया। चाहे वह अहमद शाह अब्दाली, मुहम्मद गौरी या महमूद गजनी हो, इन सभी ने यहां से महिलाओं को ले जाकर दुनिया भर के बाजारों में बेचा। वह अत्यंत अपमान का युग था।’’ उन्होंने कहा कि इसलिए, महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमारे समाज द्वारा उन पर कई प्रतिबंध लगाए गए और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्कूलों, गुरुकुलों में जाना बंद कर दिया और अशिक्षित हो गईं।
बीजेपी को हुआ इन बयानों से फायदा
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, बाबा रामदेव ने धर्म को लेकर जो भी बयान दिए हैं इन बयानों की वजह से बीजेपी को बड़ा फायदा हुआ क्योंकि इन हिन्दू धर्म में इन लोगो के फोलोंवेर्स सबसे ज्यादा हैं और इन बयानों की वजह से हिन्दू धर्म को फॉलो करने वाली बीजेपी को काफी फायदा हुआ क्योंकि बीजेपी जहाँ श्रीराम के नारे के साथ आगे बढ़ रही है तो व्हावीं बाकि नेताओं द्वारा दिया गये ये बयान को लेकर कहा जा ता हैं कि आने वाला समय हिन्दूओं का है और धर्म के नाम पर हो वोट डाले जायेंगे. लेकिन धर्मं के नाम पर दिए इन बयानों की वजह से इंसानियत खत्म हो जाएगी जहाँ हिन्दू मुस्लिम को एक अलग नजरिये से देखेगा तो वहीं मुस्लिम समाज अपने अस्तिव्त खत्म होने जने के कारण हिन्दू धर्म के लोगों की कभी भी मदद नहीं करेगा.