बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले और पिटाई के फेक वीडियो वायरल करने के आरोपी मनीष कश्यप पर बड़ी कार्रवाई हुई है. बिहार पुलिस ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए मनीष कश्यप के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन अकाउंट से भारी रकम बरामद की है.
इसके साथ ही पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. उनको पकड़ने के लिए पुलिस ने विशेष टीम गठित की है. वारंट जारी होने बाद मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत की गिरफ्तारी के लिए पटना से लेकर दिल्ली सहित कई अन्य शहरों में भी छापेमारी शुरू कर दी गयी है. इन दोनों की तलाश में EOU(आर्थिक अपराध इकाई) की कई टीमें जुटी हुई हैं.
खाते में है 42 लाख से ज्यदा की रकम
मामले में आगे की कार्रवाई की जानकारी शेयर करते हुए बिहार पुलिस ने कई ट्वीट किए. उसने बताया कि मनीष कश्यप के बैंक अकाउंट्स में जमा राशि को फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस के मुताबिक जितने खाते फ्रीज किए गए, उनमें कुल 42 लाख 11 हजार 937 रुपये जमा थे.
मनीष से जुड़े चार अकाउंट्स को फ्रीज किया गया है. पुलिस के ट्विटर पोस्ट के मुताबिक मनीष के SBI खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये थे. IDFC बैंक के खाते में 51 हजार 69 रुपये और HDFC बैंक खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये मिले हैं. बैंक अकाउंट्स की जानकारी देते हुए पुलिस ने आगे बताया कि SACHTAK फाउंडेशन के HDFC अकाउंट में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये जमा हैं. इस अकाउंट को भी पुलिस ने फ्रीज कर दिया गया है. बिहार पुलिस ने ये भी बताया कि मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के साक्ष्य भी मिले हैं. इन सभी की जांच की जा रही है. बिहार पुलिस ने बताया कि मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. पुलिस के मुताबिक दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
असली नाम है त्रिपुरारी कुमार तिवारी
जानकारी के मुताबिक मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था. वह खुद को ‘सन ऑफ़ बिहार’ (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो ‘कश्यप’ लगाता है.
हालांकि ज्यादातर जगहों पर ‘मनीष’ लिखता है. मनीष की शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुई. उसने साल 2009 में 12वीं पास की. इसके बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई. मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में B.E. की डिग्री ली है. लेकिन इस सेक्टर की नौकरी नहीं की. डिग्री लेने के दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर पत्रकारिता करने लगे.
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चुनावी मैदान में उतर चुके हैं मनीष कश्यप
साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया है. उनकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं जिन पर मनीष को बहुत ज्यादा गर्व है.
पिटाई से सम्बंधित कुल 30 वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले के कुल 30 वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट मिले थे. इसके बाद EOU ने इस मामले में केस दर्ज किया था.
कार्रवाई करते हुए EOU ने बिहार के जमुई जिला स्थित लक्ष्मीपुर थाने के निवासी अमन कुमार को गिरफ्तार किया था. वहीं, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज किया था. जांच के आधार पर बिहार पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया एक वीडियो किसी की हत्या का है. आगे जांच बढ़ी तो पता चला कि ये किसी की आत्महत्या का पुराना वीडियो है और इसका बिहार में रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं था. एक और वीडियो भी पुरानी घटना से संबंधित है. ये वीडियो झारखंड और बिहार के दो लोगों के व्यक्तिगत विवाद से जुड़ा था. यानी इसका भी तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं था.