उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक बड़ी घटना हुई है और ये घटना जमीन विवाद को लेकर है जिसमें एक परिवार के 5 लोगों की जान से मार दिया गया. वहीं इस घटना के बाद जहाँ पूरे गांव को छावनी में बदल दिया है तो वहीं इस घटना में एक बाद पूरे इलाके के दहशत का मौहोल पैदा हो गया है.
जानिए क्या था मामला
देवरिया में ये घटना सोमवार की सुबह हुई है और ये घटना 10 बीघा जमीन के झगडे के कारण हुई. दरअसल, थाना रुद्रपुर के फतेहपुर गांव में एक जमीन को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव और सत्य प्रकाश दुबे के बीच विवाद चल रहा था और सत्य प्रकाश का आरोप ये था कि प्रेम यादव उनकी जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है साथ ही प्रेम यादव का दावा था कि वो जमीन उसकी है. इसी बात पर दोनों परिवारों में लंबे समय से विवाद चल रहा था.
घटना में हुई 6 लोगों की मौत
वहीं सोमवार की सुबह पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. वहीं इस घटना के बाद कई लोग लोग सत्यप्रकाश दुबे के दरवाजे पर पहुंच गई और सत्यप्रकाश दुबे उनकी पत्नी, दो बेटी, एक बेटे को मार डाला. वहीं इस घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और जैसे ही इस मामले की खबर पुलिस को मिली उसके बाद मौके पर डीएम, एसपी सहित कई थानो की पुलिस पहुंच गई.
इस मामले को लेकर ये भी जानकारी मिली है कि विवादित जमींन पर प्रेम ने धान की रोपाई कराई थी. वहीं सोमवार की सुबह के समय जब प्रेम विवादित भूमि पर गए थे तब वहां पर सत्य प्रकाश भी गया और इस दौरान दोनों की बहस हुई. इस बहस एक दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम की हत्या कर दी गई. कुछ ही देर में काफी संख्या में लोग सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर पहुंचे और सत्य प्रकाश दुबे के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण, बेटी शलोनी (18), नंदनी (10) और बेटा गांधी (15) की हत्या कर दी जबकि अनमोल (8) गंभीर रुप से घायल हो गया. वहीं वारदात को अंजाम देने के बाद सभी हमलवार मौके से फरार हो गए. वहीं इस घटना में सत्य प्रकाश दुबे के बड़ा बेटा बच गया.
परिवार के बड़े बेटे की बच गयी जान
इस घटना में परिवार का बड़ा बेटा देवेश बच गया क्योंकि वह रविवार को ही शाम को बलिया के भागवत कथा का पाठ करने गया था. देवेश ने बताया कि कथा पाठ के बाद उसने घर लौटकर अपने छोटे भाई गांधी का जन्मदिन मनाने का प्लान बनाया था. सत्य प्रकाश ने गांधी का नाम इसलिए गांधी रखा था क्योंकि वो 2 अक्टूबर को पैदा हुआ था. सत्यप्रकाश के तीन बेटे और तीन बेटियां थीं जिनमें से सलोनी की उम्र 18 साल नंदनी की उम्र 15 साल थी जबकि सबसे छोटा अनमोल बुरी तरह से घायल है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
छावनी में बदला पूरा गांव
वहीं इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज करवाया गया है. . मृतक सत्यप्रकाश दुबे के बेटी शोभिता द्विवेदी की तहरीर पर 302, 307, 504 जैसी गंभीर धाराओं में हमलावरों पर केस दर्ज किया गया है. इसमें 27 लोग नामजद हैं जबकि 50 अज्ञात हैं. पुलिस ने अभी तक 14 लोगों को हिरासत में लिया है और पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है. इसी के साथ मृतक प्रेमचंद्र यादव के चाचा ने भी इस मामले में रुद्रपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है/
वहीं इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने फिलहाल पूरे गांव को छावनी में बदल दिया है. तो वहीं लखनऊ से आए आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की साथ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात पर दुख जताया है और इस जघन्य वारदात का संज्ञान लिया है.