Prannoy roy new company – हाल ही में अपनी मीडिया कम्पनी NDTV को अडानी के हाथों सौंपने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने इकरोया टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (Ikroya Tech Private Limited) के नाम से एक नई कंपनी की शुरुआत की. रॉय कपल्स का नया स्टार्टअप टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और डाटा एनालिसिस का काम करेगी.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि अभी हाल ही में इन दोनों ने NDTV के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. और गौतम अडानी को अपने हिस्से के शेयर बेच दिये थे. प्रणव रॉय और राधिका राय ने ही इस NDTV कंपनी की नीव डाली थी. जो कि अपने वक़्त में सबसे हाई TRP वाली मीडिया कंपनी थी.
Prannoy roy new company
न्यूज़ एनालिसिस कंपनी न्यूजलॉन्ड्री की एक रिपोर्ट की माने तो Ikroya Tech की कंपनी फाइलिंग में बताया है कि ये कंपनी पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण में कमी जैसे क्षेत्रों में काम करेगी. इसके अलावा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्कॉलरशिप, पुरस्कार, लैबोरेटरी की स्थापना भी करेगी. साथ ही इन क्षेत्रों में स्कॉलरशिप और अनुदान भी देगी.
NDTV के छोड़ने के बाद ही शुरू की थी कंपनी
आपको जानकारी के लिए बता दें कि इकरोया कंपनी के बोर्ड्स की माटिंग इसी साल 18 जनवरी को हुई थी. जिसका शेयर कैपिटल 10 लाख रुपये है. इसे एक लाख इक्विटी शेयर में बांटा गया है. प्रणय राय और राधिका राय की इस कंपनी में फिफ्टी-फिफ्टी परसेंट की पार्टनरशिप है जहाँ दोनों के पास 50 हजार शेयर्स हैं.
ALSO READ: Adani Net Worth 2022 : गौतम अडानी कैसे बने दुनिया के सबसे अमीर भारतीय ?
इस वजह से छोड़ी थी NDTV की कमान
बात है पिछले साल 29 नवम्बर की जब प्रणव राय और राधिका राय ने अपनी यानि NDTV की प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर (RRPR) के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इस इस्तीफे के बाद दोनों ने कंपनी के 32.26 फ़ीसदी शेयर्स में से 27.26 फ़ीसदी शेयर अडानी ग्रुप के हाथों बेंच दिया था.
लेकिन किसको पता था कि इनके इस्तीफे के बाद पूरे NDTV ग्रुप में इस्तीफे की झड़ी लग जाएगी. इनके इस्तीफे के तुरंत बाद कंपनी की सीईओ सुपर्ण सिंह,चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर अरिजीत चटर्जी, सीटीओ कंवलजीत सिंह बेदी और जाने माने पत्रकार रविश कुमार ने भी कंपनी से इस्तीफ़ा दे दिया.
अडानी को क्यों बेंची थी हिस्सेदारी?
दरअसल अडानी ने NDTV की जो आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की प्रमोटर कम्पनी थी उसे परोक्ष तौर पर खरीद कर दिया था . जिसकी वजह से कंपनी के ज्यादातर शेयर पहले ही अडानी के पास आ गए थे. और 29.18 फीसदी हिस्सेदारी ले ली थी. ठीक उसके बाद कंपनी ने दोबारा 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक ओपन ऑफर निकाला.
हालांकि ओपन ऑफर के बावजूद अडानी ग्रुप के शेयर में महज 8.26 फीसदी बढ़ोतरी हुई. बाद में एनडीटीवी के फाउंडर रॉय दंपति ने अपने 32.26 फीसदी शेयर में से 27.26 फीसदी शेयर अडानी को बेचने का ऐलान कर दिया था. रॉय दंपति के एनडीटीवी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा देने के बाद अडानी ग्रुप ने संजय पुगलिया और सेंथिल एस चेंगलवरयन को बोर्ड में शामिल किया था.
NDTV की ऑफिस में ही तय होता था मंत्रालय!
आपको जानकर हैरानी होगी पहले इस कंपनी का ऐसा रुतबा था कि इसके आगे कोई मीडिया चैनल टिक नहीं पता था. TRP और गवर्नमेंट क्रिटिक में सबसे आगे. लोग तो कहते हैं कि इस चैनल में बैठकर मंत्रालय तक तय होता था! लेकिन मोदी क्रिटिक में ये मीडिया इतना आगे चला गया था कि इसे मोदी की बदनामी के आगे कुछ नहीं दिख रहा था. और यहीं से ही इस कंपनी का पतन शुरू हो गया. अब ये हाल हो गया कि आज की तारीख में इससे कम TRP वाला चैनल मीडिया फील्ड में कोई भी नहीं है.