इन वजहों से व्यक्ति को ज़िन्दगी भर करना पड़ सकता है कर्ज का समाना
ज़िन्दगी में कई बार ऐसा समय आता है जब व्यक्ति को अपनी जरुरत को पूरी करने के लिए कर्ज (Loan) लेना पड़ता है लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो जरुरत नही होने के बाद भी बेफुजल का कर्ज लेते हैं और इस वजह से वो आपने आप को कर्ज के जाल में फंसा देते हैं। कर्ज के जाल में फंसे जाने की वजह से उनकी आम ज़िन्दगी (life) में हर समय तनाव रहता है और इसका असर उनके स्वास्थ्य (Health) पर भी पड़ता है। वहीं ये वो 7 कारण (Reason) है जिनकी वजह से व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस जाता है।
कर्ज (Loan) क्या है ?
कर्ज का दूसरा अर्थ उधार है, इसका मतलब आप किसी से वर्तमान समय में कर्ज लेते हैं और भविष्य में उसे लौटने का वादा करता है। वहीं आजकल के समय में व्यक्ति बैंक या बैंक द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड से लोन लेता है और इस लोन पर व्यक्ति को ब्याज भी देना पडता है।
कर्ज का जाल क्या होता है ?
जब व्यक्ति बैंक से या फिर क्रेडिट कार्ड से लोन लेता है तो उसे लोन के साथ साथ उस पर लगाया गया ब्याज भी देना पडता है। वहीं ये ब्याज लोन के लिए तय की गयी राशि के साथ अलग से देना पड़ता है लेकिन, कभी-कभी व्यक्ति उच्च लागत पर लोन लेता है इसके कारण उसके ऊपर कर्ज तो होता ही है साथ ही उसे ब्याज भी देना पड़ता है।
कर्ज के जाल में फंसने के 7 कारण
सैलरी (salary)
सैलरी (salary) कर्ज में फंसने का पहला कारण हो सकता है क्योंकि कई लोग ऐसे होते हैं जिनकी सैलरी (salary) समय पर नहीं मिलती और इसके कारण उन्हें क्रेडिट कार्ड से निर्भर होना पड़ता है। वहीं सैलरी के आने के बाद उन्हें क्रेडिट कार्ड का लोन और उस पर लगाया गया ब्याज भी देना पड़ता है जिसके कारण उनकी सैलरी का पैसा लोन देने में लग जाता है। वहीं सैलरी समय पर नहीं आने के मामले में व्यक्ति को सेविंग का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि सैलरी आने पर सेविंग फंड से लिया हुआ पैसा उसी रूप में रख दिया जाए।
EMI
आज कल के समय में कंपनियां अपने सामान को बचने के लिए तरह-तरह की ऑफर लाती है और इस ऑफर में एक EMI का आप्शन भी होता है। EMI का मतलब है कि आप सामान का पैसा उसी समय न देकर छोटी-छोटी किस्तों के रूप में इन पैसों का भुगतान करते हो। लेकिन कई बार ऐसा होता है इससे दूसरी चीजों पर खर्च करने के लिए पैसा नहीं बचता है।
इनकम के ज्यादा खर्चा
व्यक्ति के तय खर्च में किराया, सोसाइटी मेंटिनेंस चार्ज, बच्चों की फीस जैसी चीजें शामिल हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति तय खर्च के अलावा बहुत-सी ऐसी जगहों पर पैसा का खर्च करता है जिसकी जरुरत नही होती और ये वजह भी लोन लेना का एक कारण हो सकता है।
लोन के कारण लोन लेना
कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति को एक लोन भरने के लिए दूसरे लोन की जरुरत पडती है ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति ज्यादा ब्याज दर पर लोन ले लेता है और इसे ब्याज को कम करने के लिए वो एक और लोन लेता है। वहीं लोन के लिए लोन लेने का संकेत है आप कर्ज के जाल में फंस रहे हैं।
ज्यादा दर पर लोन लेना
व्यक्ति कई बार ज्यादा दर पर लोन ले लेता है और जिसके कारण वो इस लोन का ब्याज का ही भुगतान नहीं कर पाता और इस कारण वो ज़िन्दगी भर इस लोन का ब्याज ही देने में लगा देता है।
लोन के साथ EMI
कई बार ऐसा होता है व्यक्ति लोन के बाद भी EMI पर सामान ले लेता है जिसकी वजह से उसके ऊपर लोन और EMI का भार आ जाता है और ये इस कारण उसे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
लोन लेने के बीच नौकरी जाना
कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति लोन ले लेता है और उसकी नौकरी चली जाती है या फिर उसपर कोई मुसीबत आ जाती है जिसके कारण उसे लोन का ब्याज और अपनी जरूरत को पूरी करने के लिए और लोन लेना पड़ता है और ये कारण भी लोन के जाल में फंसने का हो सकता है।
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