एक्टर तो एक्टर होता है फिर वो विलेन बने या हीरो दोनों ही किरदारों में एक एक्टर को बेहतरीन एक्टिंग करनी होती है और इसी वजह से विलेन के किरदार में दमदार एक्टिंग करने वाले अभिनेता अमरीश पुरी को आज के समय में सुपर विलेन के तौर पर याद किया जाता है. खलनायकों की गिनती में सबसे पहला नंबर अमरीश पुरी का ही है लेकिन फिल्म गदर में ‘अशरफ अली’, करण अर्जुन में ‘ठाकुर’ और फिर मिस्टर इंडिया मोगैंबो समेत कई फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले अमरीश पुरी विलेन नहीं हीरो बनना चाहते थे. लेकिन एक वजह थी जिसकी वजह से उन्हें फिल्मों में विलेन बनाना पड़ा.
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मेकर्स की वजह अमरीश पुरी को बनना पड़ा विलेन
23 जून 1932 को पंजाब के जालंधर में जन्मे अमरीश पुरी ने अपने करियर में कई सारे विलेन के रोल किये और उनके विलेन के रोल की वजह से फिल्म हिट भी हुई लेकिन अमरीश पुरी जब मुंबई आये तब उनकी आँखों में हीरो बनाने का सपना था पर फिल्म मेकर्स की वजह से उन्हें विलेन बनाना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमरीश पुरी (Amrish Puri) के दो बड़े भाई मदन पुरी और चमन पुरी फिल्मों में काम करते थे और अपने भाई की वजह से उन्हें फिल्मों में छोट-मोटे रोल मिल गये लेकिन एक बार वो फिल्म मेकर्स के पास हीरो का रोल करने की बात करने को गये तब उनको देखने के बाद फिल्म मेकर्स ने उनसे कहा कि तुम्हारा चेहरा हीरो जैसा नहीं है इसलिए ये रोल तुम नहीं कर सकते और मेकर्स की ये बात सुनकर वो निराश हो गए थे.
रिजेक्ट होने के बाद बने विलेन बने अमरीश पुरी
कई बार हीरो के रोल के लिए रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने विलेन के रोल करना शुरू कर दिया उन्होंने अपनी दमदार आवाज़, डरावने गेटअप और सख्त पिता के रूप में खलनायक का रोल किया और देखते ही देखते हीरो बनाने आये अमरीश पुरी बड़े परदे पर एक बड़े खलनायक के तौर पर मशहूर हो गये.
अमरीश पुरी ने 30 साल से भी ज़्यादा वक़्त तक फ़िल्मों में काम किया और नेगेटिव रोल के लिए जाने गये. जहाँ अमरीश पुरी ने पांच, नसीब, विधाता, हीरो, अंधा कानून, अर्ध सत्य जैसी फिल्मों में काम करके दर्शकों के दिलों में खौफ पैदा किया तो वहीँ इस दौरान उन्हें साल 1987 में आई मिस्टर इंडिया में विलेन मोगैम्बो के किरदार के लिए चुना गया.
बुरे आदमी के तौर पर हुए अमरीश पुरी
फिल्म मिस्टर इंडिया में विलेन मोगैम्बो का किरदार निभाने के दौरान इस फिल्म में उनका एक डायलॉग मोगैम्बो खुश हुआ भी खूब फेमस हुआ तो वहीं ये फिल्म भी हिट सबित हुई और इस फिल्म की वजह से अमरीश पुरी को विलेन के रूप में एक नयी पहचान मिली. जहाँ अमरीश पुरी बड़े पर्दे पर बुरे आदमी के तौर पर मशहूर हुए तो वहीं असल ज़िन्दगी में वो काफी नर्म दिल इंसान थे और उन्हें अपने पोते-पोतियों से गहरा लगाव था वो उनके साथ बच्चों के तरह खेलते थे.
जिद्दी बाप के किरदार में भी लूटी महफ़िल
अमरीश पुरी जहाँ कई फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया तो वहीँ परदेस, ताल और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी कई फिल्मों में उन्होंने जिद्दी बाप का रोल भी निभाया. जिद्दी बाप के रोल में खूब फेमस हुए और 12 जनवरी 2005 को उनका निधन हो गया. अमरीश पुरी आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा किये विलेन के रोल आज भी पॉपुलर हैं.
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