भारत के राज्यों में इस तरह मनाई जाती है मकर संक्रांति

By: Shikha Mishra

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मकर संक्रांति देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है. हर राज्य में मकर संक्रांति को मनाने का अलग महत्व है, अलग परंपरा है. कहीं पर्व को रंगों से मनाया जाता है तो कहीं दान से.

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पंजाब और उससे सटे राज्य हरियाणा में यह पर्व 14 जनवरी से एक दिन पूर्व 13 जनवरी को मनाया जाता है. दोनों राज्य में इस पर्व को लोहड़ी के रूप में मनाते हैं.

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बिहार में भी मकर संक्रांति को खिचड़ी के ही नाम से जानते हैं. बिहार में उड़द की दाल, चावल, तिल, खटाई और ऊनी वस्‍त्र दान करने की परंपरा है. 

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देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में मकर संक्रांति को दान का पर्व माना जाता है. इसे 14 जनवरी को मनाया जाता है. हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का मुहूर्त बदल भी जाता है.

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उत्तराखंड में भी मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग सूर्य अस्त से पहले गंगा स्नान के लिए जाते हैं. गंगोत्री, देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्नान के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है.

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राजस्‍थान में इस दिन बहु अपनी सास को मिठाईयां और फल देकर उनसे आशीर्वाद लेती हैं. इसके अलावा वहां किसी भी सौभाग्‍य की वस्‍तु को 14की संख्‍या में दान करने का अलग ही महत्‍व होता है.

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महाराष्ट्र में मकर संक्रांति पर लोग एक-दूसरे को तिल गुड़ देते हैं और कहते हैं  तिल गुड घ्या अणि गोड गोड बोलै. यानी तिल गुड़ खाओ और मीठा-मीठा बोलो.

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