भारत के थिएटर्स में रिलीज होने वाली हर फिल्म को पहले सेंसर बोर्ड के सामने से गुजरना होता है. सेंसर बोर्ड इस फिल्म को देखता है और अगर कुछ इसमें विवादित लगता है तो उसे मेकर्स से हटाने के लिए कहा जाता है.
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इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है फिल्म 'अनफ्रीडम' इस फिल्म का निर्माण साल 2014 में किया था. इसे इसलिए बैन कर दिया गया क्योंकि यह समलैंगिक रिश्तों पर आधारित थी.
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दीपा मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म 'फायर' दो महिलाओं के समलैंगिक रिश्तों पर आधारित थी. यह मध्यवर्गीय परिवार में उन दो महिलाओं की कहानी थी जो रिश्ते में देवरानी और जेठानी होती हैं और एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाती हैं.
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इस फिल्म में एक बुजुर्ग शख्स और एक लड़की के बीच संबंधों को दिखाया गया था. साल 2015 में बनी इस फिल्म को लेकर काफी बवाल मचा था. फिल्म में अश्लील कंटेंट होने के चलते इस पर बैन लगा दिया गया.
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साल 2005 में आई फिल्म सिंस यशराज बैनर तले बनी थी. फिल्म की कहानी एक जवान लड़की और पादरी के प्रेम प्रसंग पर आधारित थी. इस फिल्म को लेकर ईसाई धर्म के लोगों ने आपत्ति जताई थी.
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दीपा मेहता की फिल्म 'वाटर' में विधवा महिलाओं के जीवन से जुड़ी स्याह दुनिया को दिखाया गया है. इस फिल्म को अकादमी अवॉर्ड 2007 के लिए नॉमिनेट भी किया गया। लेकिन विवादों में आने कारण इसे बैन कर दिया गया.