जन्माष्टमी पर इस मंदिर में हो रहा 100 करोड़ के गहनों से कन्हैया का श्रृंगार
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गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर राधा-कृष्ण को कीमती आभूषणों से सजाने की परंपरा 100 साल पुरानी है.
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हर साल पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से ये आभूषण निकाले जाते हैं और भगवान कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. इस दिन मंदिर परिसर में चाक-चौबंद व्यवस्था रहती है.
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भगवान कृष्ण और राधारानी के ये आभूषण बेशकीमती हैं.
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इसमें 55 पन्नों और सात लड़ी का हार, हीरे जवाहरात से जड़ा मुकुट, 249 शुद्ध मोतियों की माला, हीरे जड़ित कंगन, रत्नजड़ित सोने की बांसुरी, चांदी का छत्र, सोने की नथ, कान के रत्नजड़ित झुमके, चूड़ियां, कड़े आदि शामिल हैं.
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फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर का निर्माण 1921 में तत्कालीन सिंधिया राजवंश के शासक माधवराव सिंधिया प्रथम द्वारा करवाया गया था.
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हालांकि इस परंपरा को निभाने में कुछ साल रुकावट भी रही. बाद में 2007 से यह परंपरा अनवरत रूप से जारी है.
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जन्माष्टमी पर 24 घंटों के लिए भगवान राधा कृष्ण 24 घंटे तक इस सजीले स्वरूप में दर्शन देते हैं. उनके इस मनमोहक रूप के दर्शन करने के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु आते हैं.