इस वजह से फ्लॉप हो रहे हैं सूर्यकुमार यादव
इंग्लैंड के खिलाफ टी20 (T20) में डेब्यू करने के बाद से अभी तक सूर्यकुमार यादव (surya kumar yadav) ने अपने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा और टी20 इंटरनेशनल में हर एक मैच हर बार एक पारी के साथ एक नया रिकॉर्ड अपने नाम करते जा रहे हैं और शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें ICC टी-20 ‘प्लेयर ऑफ़ द इयर’ (player of the year) भी चुना गया. लेकिन 50 ओवर के मैच में अभी तक कुछ खास नहीं कर पाए हैं. इस साल खेले में वो सिर्फ कुल 3 वनडे पारियों में मात्र 49 रन ही बना पाए हैं .ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि वनडे में इतने खराब प्रदर्शन की वजह क्या है ?
टी-20 में साल बदला, फॉर्म नहीं
सूर्यकुमार यादव टी-20 में पिछले साल से ही गज़ब का प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बात का प्रूफ आप न्यूजीलैंड के मौजूद सीरीज से ही ले सकते हैं रांची में हुए पहले मुकाबले में सूर्यकुमार ने 47 रनों की धुआंधार पारी खेली थी वहीं लखनऊ में खेले गए दूसरे मैच में नाबाद 26 रन बनाकर एक मैच जिताऊ पारी खेली थी.
वनडे में हो रहे फ्लॉप
टी-20 में दमदार प्रदर्शन के बावजूद सूर्यकुमार वनडे अपने फॉर्म को मेन्टेन रखने में असफल रहे हैं. अभी तक के खेले 20 वनडे मैचों में सूर्यकुमार यादव ने 28.86 के औसत से मात्र 433 रन बनाएं हैं और इस साल के कुल 3 पारियों में सिर्फ 49 रन बनाये हैं.
पुरानी गेंद के खिलाफ करना होगा तकनीकी में बदलाव
वनडे क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव ने इस साल जो तीन मैच खेले, और उनको बतौर फिनिशर बैटिंग के लिए भेजा गया है मतलब जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है. वहीं सूर्यकुमार यादव को स्वीप, रिवर्स स्वीप, पैडल स्कूप जैसे शॉट्स मारना पसंद हैं. टी-20 में तो गेंद नई रहने के चलते सूर्यकुमार यादव आराम से ऐसे शॉट्स खेल लेते हैं, लेकिन गेंद थोड़ी सी पुरानी होने पर इन शॉट्स को मारने के दौरान आउट होने का भी खतरा रहता है. सूर्यकुमार यादव बॉल की तेजी का भी खूब फायदा उठाते हैं. इसके चलते वह फाइन लेग, सीधा या विकेट के पीछे आराम से शॉट्स लगा सकते हैं. लेकिन जब गेंद पुरानी हो जाती है और थोड़ा रुक के आने लगती है तो ऐसे शॉट खेलना जोखिम भरा रहता है. सूर्यकुमार यादव के वनडे क्रिकेट में फ्लॉप होने की एक वजह यह भी हो सकती है कि वह शायद ज्यादा टी-20 खेलने के चलते 20 ओवर्स के मोड से बाहर नहीं पा रहें है .
दोनों फॉर्मेट की परिस्थितियों में होता है फर्क
वैसे भी वनडे और टी-20 मैच में काफी फर्क है. टी20 में जहां ताबड़तोड़ बैटिंग के साथ किनारा(Edge) लगने पर भी बल्लेबाजों को किस्मत का साथ भी मिलता है वहीं वनडे में परिस्थितियों के हिसाब से मिडिल ओवर्स में बल्लेबाजों को ज्यादा संभल कर खेलना पड़ता है. टी20 क्रिकेट में ज्यादातर फील्डर बाउंड्री पर रहते हैं जिसकी वजह से कई बार गेंद बल्ले के किनारे पर लगने के बावजूद चौके के लिए चली जाती है. वहीं वनडे क्रिकेट में स्लिप या नजदीक के एरिया में भी फील्डर रहते हैं. ऐसे में जरा सी मिस- टाइमिंग में बैट्समैन कैच आउट हो सकता है और यही बात सूर्या के ऊपर भी लागू होती है कि अगर वनडे क्रिकेट में थोड़ा संभल कर बैटिंग करें तो वह बड़े स्कोर बना सकते हैं.
टी-20 में लोहा मानता है विश्व क्रिकेट
खैर, टी-20 के नंबर-1 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने 20 ओवर्स के क्रिकेट में अपने स्किल और एबी डीविलिएर्स (AB de Villiers) की तरह आढे-टेढ़े शॉट्स खेलकर जो धूम मचाई है उसकी जितनी तारीफ की जाए तो वह कम ही होगी. इसके चलते सूर्या को भारत का मिस्टर 360 भी कहा जाने लगा है. सूर्या ने 47 टी-20 इंटरनेशनल में 47.17 की औसत से 1651 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और 13 अर्धशतक शामिल रहे. सूर्यकुमार यादव ने टी20 करियर का पहला शतक पिछले साल जुलाई महीने में इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था. फिर वह न्यूजीलैंड दौरे पर भी सेंचुरी जड़ने में कामयाब रहे. इसके बाद 2023 में भी सूर्यकुमार ने श्रीलंका के राजकोट टी20 में शानदार शतक लगा.
लेकिन कहीं न कहीं अभी भी वनडे क्रिकेट में अपना नाम बनाने के लिए अच्छे प्रदर्शन करने होंगे .क्योंकि इसी साल भारत में ODI वर्ल्डकप है ऐसे में टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले टी-20 वाली लय को अब वनडे में लाने का समय आ गया है .