वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने सोमवार को रूस को 4 साल के लिए टोक्यो ओलंपिक 2020 और बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 की खेल प्रतियोगिताओं से बाहर कर दिया है। 4 साल के बैन के बाद अब रूस किसी भी प्रकार के मुख्य खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पायेगा। साथ ही आगामी टोक्यो ओलम्पिक 2020 और क़तर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 से बाहर होना रूस के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। वाडा के इस कड़े निर्णय के बाद रूस की फुटबॉल टीम के लिए अगले 4 साल का करियर अंधेरे में जाता दिख रहा है।
वाडा ने लगाया ये आरोप
वाडा ने रूस पर एक एंटी डोपिंग प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाए हैं। और इसी के रूस को 4 साल के लिए मुख्य हिस्सों में भाग लेने से बैन कर दिया। वाडा के एक प्रवक्ता के मुताबिक,”सिफारिशों की पूरी सूची सर्वसम्मति से स्वीकार कर ली गयी है। वाडा कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया कि रूसी डोपिंगरोधी एजेंसी ने चार साल तक नियमों का पालन नहीं किया।”
21 दिन के भीतर अपील कर सकता है रूस
रूस के पास वाडा के इस बैन के खिलाफ अपील करने के लिए सिर्फ अगले 21 दिन हैं। अगर रूस अपील करता है तो ये मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) को भेजा जाएगा। वाडा ने रूस के प्रति काफी कड़ा सख्त रवैया अपना है। वाडा के उपाध्यक्ष लिंडा हेलेलैंड ने कहा, ‘रूस पर यह बैन प्रर्याप्त नहीं है।’बता दें कि वाडा की लुसाने में कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला किया गया।
क्लीन चिट खिलाड़ियों को मिलेगी राहत
वाडा के एक प्रवक्ता के मुताबिक भले ही रूस पर ये प्रतिबंध लगा हो, लेकिन वो खिलाड़ी जिन्हें डोपिंग में क्लीन चिट मिल जायेगी, वे न्यूट्रल फ्लैग के खेलों में हिस्सा ले सकेंगे। लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जबकि वे यह साबित करेंगे कि वे डोपिंग की उस व्यवस्था का हिस्सा नहीं थे जिसे वाडा सरकार प्रायोजित मानता है।फिट्जगेराल्ड ने कहा, ‘‘उन्हें यह साबित करना होगा कि वे रूसी डोपिंग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे जैसा कि मैकलारेन रिपोर्ट में कहा गया है या उनके नमूनों में हेराफेरी नहीं की गयी थी।’’
बता दें साल 2016 में जारी की गई मैकलारेन रिपोर्ट में रूस में विशेषकर 2011 से 2015 तक सरकार प्रायोजित डोपिंग का खुलासा किया गया था।