भारतीय टीम ने हाल ही में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला गंवा दिया। न्यूजीलैंड की टीम ने आसानी से भारतीय टीम को मात दे दी और ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया। साल 2019 से शुरु हुए इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में पहुंचने के बाद विराट कोहली की कप्तानी में टीम को शिकस्त झेलनी पड़ी।
इस बड़े मैच में मिली हार के बाद चारों ओर कप्तान कोहली की किरकिरी हो रही है। क्रिकेट फैन्स लगातार आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में भारतीय टीम के हारने से परेशान हो गए हैं। टीम को पिछले 7 सालों में 6 बार आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में हार मिली है।
नॉकआउट मुकाबलों में फ्लॉप रहे हैं कोहली-रोहित
आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉकआउट मुकाबलों में टीम इंडिया को मिल रही हार की वजह समझ के बाहर है। लोग इसे लेकर तरह-तरह की बयानबाजियां कर रहे हैं। कुछ लोग तो इसके लिए टीम के कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन अगर आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में इन दोनों खिलाड़ियों के आंकडों पर गौर करें तो काफी हद तक इन्हें भारतीय टीम को मिल रही हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
ये रहे आंकड़े…
साल 2017 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान के साथ भारत की टक्कर हुई और टीम इंडिया को करारी शिकस्त मिली। उस मैच में रोहित 0 पर आउट हो गए थे तो विराट कोहली मात्र 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे।
उसके बाद वर्ल्ड कप 2019 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी और भारत को वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा। उस मैच में रोहित और कोहली के बल्ले से मात्र 1-1 रन निकला था।
अब आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भी इन दोनों खिलाड़ियों ने देश को निराश किया। इस बड़े मैच में क्रिकेट फैन्स इन दोनों खिलाड़ियों से काफी उम्मीद लगा कर बैठे थे लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इस मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित ने 34 और 30 रनों की पारियां खेली तो वहीं, कप्तान कोहली ने 44 और 13 रन बनाए। इस मैच में टीम को न्यूजीलैंड के हाथों 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी।