भारतीय क्रिकेट टीम जल्द ही इंग्लैंड के लिए रवाना होने वाली है। जहां न्यूजीलैंड के साथ आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इसके लिए खिलाड़ियों का ऐलान भी कर दिया है। कुछ खिलाड़ियों की टीम से छुट्टी हुई तो वहीं, कई खिलाड़ियों को मौका भी मिली है।
पिछले दिनों BCCI अध्यक्ष सौरभ गांगुली स्पष्ट कर दिया कि जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर टेस्ट सीरीज की तैयारी कर रही होगी, तभी एक और भारतीय टीम श्रीलंका में सीमित ओवरों की सीरीज खेलेगी। मतलब साफ है कि एक ही समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो भारतीय टीम खेलने वाली है।
इसमें एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। एक ही समय में दो जगहों पर दो अलग टीमों के साथ अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का किस्सा नया नहीं है। इसके पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। आईए जानते हैं कि भारत समेत किन देशों ने ये कारनामा पहले ही कर दिखाया है। एक ही देश की दो अंतरराष्ट्रीय टीमें, इन देशों ने पहले ही कर दिया था ऐसा कमाल
भारत पहले ही कर चुका है ऐसा
भारत की बात करें तो ऐसा पहले भी हो चुका है। साल 1998 में क्रिकेट को पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और उसी समय टीम को सहारा कप में भी खेलना था। तब बीसीसीआई ने दो टीमें चुनी थी, जिसमें से एक टीम मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में सहारा कप खेलने गई तो वहीं, दूसरी टीम ने अजय जडेजा की कप्तानी में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया था।
आस्ट्रेलिया ने 2017 में किया था ये कारनामा
आस्ट्रेलिया ने भी ऐसा पहले ही कर दिखाया है। साल 2017 में आस्ट्रेलिया ने दो अलग-अलग प्रारुपों में अलग-अलग टीमें उतारी थी। दरअसल, आस्ट्रेलिया को आस्ट्रेलिया में ही टी20 सीरीज के लिए श्रीलंका की मेजबानी करनी थी और सीरीज खत्म होने के एक दिन बाद ही टीम को भारत के खिलाफ पुणे में टेस्ट मैच खेलना था। जिसके लिए आस्ट्रेलिया ने दो अलग-अलग टीमें चुनी थी। उस समय भी एक टीम का खिलाड़ी दूसरी टीम में हिस्सा नहीं ले पाया था।
इंग्लैंड ने भी उतारी थी दो टीमें
पिछले साल इंग्लैंड की टीम ने भी ऐसा कर दिखाया था। इंग्लैंड को कोविड के बीच वेस्टइंडीज के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी थी और उस टेस्ट सीरीज के दो दिनों बाद ही इंग्लैंड को आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी। टीम को कुछ अभ्यास मैच भी खेलने थे। जिसके लिए इंग्लैंड को दो अलग-अलग प्रारुपों के लिए अलग-अलग टीमें उतारनी पड़ी। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने वाले खिलाड़ियों को आयरलैंड के खिलाफ खेलने वाली टीम में जगह नहीं मिली थी।