चार मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच में शानदार जीत हासिल कर ली और साथ ही साथ इस सीरीज पर भी कब्जा जमा लिया। टीम इंडिया ने ये सीरीज 2-1 से जीती है। ब्रिस्बेन टेस्ट में टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और कंगारुओं को उनके घर पर ही धूल चटा दी।
तोड़ दिए कई सारे रिकॉर्ड्स
इस मैच में जीत हासिल करके टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया। बीते 33 सालों से ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन टेस्ट में नहीं हारी, लेकिन टीम इंडिया ने इस कारनामे को कर दिखाया और गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत खत्म की। सिर्फ इतना ही नहीं टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के 70 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तो दिया है। इससे पहले गाबा के मैदान पर 1951 में वेस्टइंडीज ने सर्वोच्च लक्ष्य का पीछा किया था और जीत भी हासिल की थीं। उस दौरान वेस्टइंडीज ने 236 रन बनाए थे।
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यादगार बन गई ये जीत
टीम इंडिया के लिए ये जीत यादगार बन गई है। कई बड़े बड़े खिलाड़ी मैच का हिस्सा नहीं थे, लेकिन तब ही टीम इंडिया ने दिखाया कि क्यों वो दुनिया की बेस्ट टीमों में से एक हैं। विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी जैसे कई बड़े खिलाड़ी ने ये टेस्ट मैच नहीं खेला।
युवा खिलाड़ियों का कमाल
युवा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की टीम पर भारी पड़े। शुभमन गिल, ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों ने इस जीत में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया। गिल ने 91 रनों की जबरदस्त पारी खेली, तो वहीं ऋषभ पंत ने 89 रन बनाकर अंत तक मैदान नहींं छोड़ा। वो नॉट आउट रहे। वॉशिंगटन सुंदर ने भी 29 बॉल में 22 रनों की दमदार पारी खेली। इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा ने मैच में फिफ्टी जड़ी।
पुजारा ने घायल शेर की तरह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का मुकाबला किया। मैच के दौरान उनको कई बार चोट लगी, लेकिन फिर भी वो मैदान पर डटे रहे।
नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया
दरअसल, टीम इंडिया को आखिरी दिन जीत के लिए 324 रनों की जरूरत थीं। चौथे दिन के अंत तक टीम इंडिया अपनी दूसरी पारी खेलते हुए केवल 4 ही रन बना पाई थी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारतीय टीम ये कमाल करके दिखा पाएगी। ज्यादा संभावनाएं ये जताई जा रही थी कि मैच ड्रा होगा। लेकिन टीम इंडिया ने इस नाममुकिन काम को भी मुमकिन करके दिखा दिया और मैच के साथ साथ सीरीज पर भी कब्जा जमाया।
गेंदबाजों का भी कमाल
बात अगर गेंदबाजी की करें तो ब्रिस्बेन टेस्ट में बुमराह की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया के गेंदबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। दूसरी पारी में सिराज ने 5 तो शॉर्दुल ठाकुर ने 4 विकेट ऑस्ट्रेलियाई टीम के झटके थे और कंगारुओं की दूसरी पारी का अंत 294 रनों पर ही कर दिया था।
पहले ही मैच में छाए सुंदर
इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर और टी नटराजन ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया है। पहले ही मैच में सुंदर का प्रदर्शन कमाल का रहा। उन्होनें बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी कमाल किया। पहली पारी में सुंदर ने 3 विकेट लिए और 62 रनों की जबरदस्त पारी खेली। वहीं दूसरी पारी में उन्होनें 29 बॉल पर 22 रन बनाए और डेविड वॉर्नर जैसे बड़े खिलाड़ी का विकेट भी झटका। वहीं टी नटराजन अपने पहले मैच की पहली पारी में तीन विकेट लेने में कामयाब हुए थे।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जीत की हैट्रिक
लगातार दूसरी बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात दी है। इससे पहले 2018-19 में विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने कंगारुओं को टेस्ट सीरीज में हराया था। वहीं बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ये टीम इंडिया की लगातार तीसरी जीत हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पिछली दोनों सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। 2018-19 में टीम इंडिया 2-1 से सीरीज जीती थीं। तो वहीं उससे पहले 2016-17 में भी कंगारुओं को मात दी थीं।