पेरिस ओलंपिक 2024 में इस बार कई तरह के विवाद हो रहे हैं। पहले उद्घाटन समारोह को लेकर काफी हंगामा हुआ और अब प्रतियोगियों के जेंडर को लेकर हंगामा हो रहा है। अल्जीरियाई ट्रांसजेंडर मुक्केबाज इमान खलीफा का मामला अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि अब एक और खिलाड़ी लिन यू-टिंग के लिंग से जुड़ा मामला सामने आया है। ताइवान की मुक्केबाज लिन यू-टिंग को शुक्रवार को एक और मुकाबला खेलना है, लेकिन वह जेंडर टेस्ट में फेल हो गई हैं। हालांकि, वह अभी भी अपना मुकाबला खेलेंगी।
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लिन यू-टिंग का विवाद
दो बार की विश्व चैंपियन ताइवान की लिन यू-टिंग का यह दूसरा ओलंपिक है। 25 वर्षीय खलीफा के पास पुरुष XY गुणसूत्र (XY chromosomes) हैं। वह 57 किलोग्राम वर्ग में उज्बेकिस्तान की सिटोरा टर्डीबेकोवा से मुकाबला करेंगी। लिन ने पिछले साल एशियाई खेलों में जीत हासिल कर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने 2018 में अपना पहला विश्व खिताब जीता था।
इमान खलीफा की प्रतियोगिता पर छिड़ी बहस
खबरों की मानें तो पेरिस ओलंपिक में अल्जीरियाई खलीफा के पहले मुकाबले के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। खलीफा की प्रतिद्वंद्वी इटली की एंजेला कैरिनी ने गुरुवार (1 अगस्त) को 46 सेकंड बाद ही मुकाबला छोड़ने का फैसला किया।एंजेला कैरिनी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं लड़ने के लिए रिंग में गई थी, मैंने हार नहीं मानी लेकिन एक मुक्का लगने के बाद मुझे बहुत दर्द होने लगा। इसलिए मैंने कहा, ‘बस बहुत हो गया…’ मैं बिना किसी शर्मिंदगी के इस टूर्नामेंट से बाहर निकलना चाहती हूं। मैं अपनी नाक पर मुक्का लगने के बाद मुकाबला खत्म नहीं करना चाहती थी।”
The IOC has legitimized male violence against women as entertainment.
Get men out of women’s sports.#IStandWithAngelaCarini who should never have been made to enter a boxing ring with Imane Khelif.#SaveWomensSports@Olympics @iocmedia @Marq pic.twitter.com/3PLxDmf4e0
— Genevieve Gluck (@WomenReadWomen) August 1, 2024
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी इतने जोरदार मुक्कों का सामना नहीं किया था। ऐसे में ओलंपिक में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को लेकर एक अलग ही मामला चल रहा है।
DNA टेस्ट में पुरुष घोषित
इमान खलीफा एक ट्रांसजेंडर हैं, वे 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में लिंग-योग्यता के मानदंडों को पूरा नहीं कर पाईं और बाहर हो गईं। आईबीए के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने उस समय कहा था कि कई एथलीट खुद को महिला एथलीट बताकर खेलों में भाग लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जांच में पाया गया कि उनके डीएनए में XY क्रोमोसोम हैं। ऐसे एथलीटों को पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप से बाहर कर दिया गया था, लेकिन इस बार पेरिस ओलंपिक में लैंगिक-समानता का मामला है, जिसके कारण उन्हें प्रवेश मिला।
आपको बता दें, आईओसी ने कहा कि उसने ट्रांसजेंडर एथलीटों के लिए नियम को लेकर लिंग संबंधी नियमों के आधार पर मुक्केबाजों की पात्रता निर्धारित की है। ये नियम 2016 रियो डी जेनेरियो ओलंपिक में लागू किए गए थे। पिछले तीन सालों में कई खेलों ने लिंग से जुड़े अपने नियमों में संशोधन किया है।
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