स्टॉर बॉक्सर मैरी कॉम को प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मिली हार से पूरा देश निराश हुआ है। इस ओलंपिक में मैरी कॉम के मेडल जीतने की उम्मीद पूरे भारत को थी। खुद कॉम भी इसी इरादे से टोक्यो गई थीं। लेकिन उनका ये सपना गुरुवार को तब टूट गया, जब कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
खुद मैरी कॉम के लिए ये यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि वो हार गईं। प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करने के बाद मैरी कॉम ने जजों के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं था कि वो हार गई हैं। उन्हें लगा था कि वो मुकाबला जीतने में कामयाब हुई।
‘मुझे लगा मैं ही जीतीं हूं’
मैरी कॉम बोलीं- ‘मैं रिंग के अंदर खुश थी। बाहर आई तो भी मैं खुश थी क्योंकि मेरे दिमाग में ये था कि मैं जीत गई। वो मुझे जब डोप टेस्ट के लिए लेकर जा रहे थे, तो छोटेलाल (मैरी कॉम के कोच) ने मुझे बताया कि तुम 3-2 से हारी हो, लेकिन मेरे लिए विनर हो। तब मैंने उनसे पूछा कि इसका क्या मतलब है? मैं जीती हूं ना। उस दौरान मुझे पता चला कि मैं हार गई। फिर मैनें किरण रिजिजू सर का ट्वीट अपने मोबाइल के नोटिफिकेशन में देखा और सोचा कि ये क्या हो गया।’
टास्क फोर्स पर मैरी कॉम ने खड़े किए सवाल
कॉम ने इस दौरान इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) की बॉक्सिंग टास्क फॉर्स पर भी सवाल खड़े किए। मैरी कॉम ने मुकाबले में आखिरी दो राउंड जीते थे लेकिन फिर भी उन्हें हारा हुआ घोषित किया गया। स्टार बॉक्सर ने कहा कि मुझे उनका ये फैसला बिल्कुल भी समझ नहीं आया। टास्क फोर्स में दिक्कत क्या है? IOC के साथ क्या समस्या है? मैं भी टास्क फोर्स की सदस्य थी। मैंने साफ-सुधरे मुकाबले कराने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने मेरे साथ ही क्या कर दिया?
उन्होंने कहा कि मुझे दूसरे राउंड में सर्वसम्मति से जीतना चाहिए था, तो ये 3-2 से कैसे था?
मुकाबले में जजों ने 4-1 से मैरी कॉम के खिलाफ फैसला सुनाया। 5 में चार जजों ने 10-9 से वेलेंसिया का पलड़ा भारी बताया था। वहीं इसके बाद अगले दो राउंड में मैरी कॉम के पक्ष में पांच में से तीन जजों ने फैसला दिया। वहीं जो कुल स्कोर था वो कोलंबिया की वेलेंसिया के पक्ष में रहा, जिसकी वजह से उन्हें विजेता घोषित किया गया। आखिरी राउंड में मैरी कॉम को जीत हासिल करने के लिए 4-1 के फैसले की जरूरत थी।
‘सबसे खराब बात ये है कि हम…’
मैरी कॉम ने कहा कि इस मुक्केबाज को मैं पहले दो बार हरा चुकी हूं। मुझे भरोसा ही नहीं हुआ कि रैफरी ने उसका हाथ उठाया था। उन्होंने कहा कि सबसे बुरी बात तो ये है कि आप अपने फैसले का रिव्यू या फिर विरोध भी दर्ज नहीं करा सकते। लेकिन अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे विश्वास है कि दुनिया ने देखा होगा, उन्होंने जो कुछ किया। ये कुछ ज्यादा ही है।
‘मैच के कुछ मिनटों पहले ड्रेस बदलने को कहा’
इसके अलावा मैरी कॉम ने शुक्रवार को ट्वीट कर ये बताया कि मैच शुरू होने से कुछ देर पहले बॉक्सिंग रिंग में उन्हें ड्रेस बदलने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि एक फैसला या एक सेकेंड एथलीट का सबकुछ खत्म कर सकता है। वो जजों के फैसले से खफा है, दुखी हैं।
संन्यास लेने के अभी मूड में नहीं कॉम
भले ही मैरी कॉम टोक्यो ओलंपिक में अपनी हार से निराश हो, लेकिन उन्होंने अभी बॉक्सिंग से संन्यास लेने से इनकार कर दिया है। कॉम ने कहा कि उनका संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं। वो कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताएंगी, लेकिन जब भी फिर कोई प्रतियोगिता होगी, तो वो एक बार फिर से अपना हुनर दिखाने के लिए तैयार हो गई थीं।