हमारे देश में क्रिकेट को एक खेल से कई ऊपर माना जाता है। क्रिकेट के करोड़ों फैंस इसे एक धर्म की तरह मानते हैं। जब भारतीय टीम कोई मैच जीतती है, तो पूरे देश में ऐसा माहौल बन जाता है मानो जैसे कोई त्योहार हो। वहीं टीम के हारने पर पूरे देश में मायूसी छा जाती है। करोड़ों चेहरे उदास हो सकते हैं।
इसी क्रिकेट के भगवान माने जाते हैं सचिन तेंदुलकर। सचिन वैसे तो क्रिकेट के कई साल पहले ही रिटायरमेंट ले चुके हैं। लेकिन उन्होंने अपने बल्ले के जरिए ऐसा कमाल दिखाया कि आज भी लोगों के दिलों में उनका खेल बसता है। वो सचिन ही हैं, जिन्हें आज भी कई खिलाड़ी अपना आइडियल मानते हैं। कई खिलाड़ियों ने तो सचिन को देखकर ही खेलना शुरू किया।
24 अप्रैल को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का जन्म होता है। वो 24 अप्रैल 1973 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे। इस खास मौके पर आज हम आपके लिए सचिन तेंदुलकर से जुड़ी कुछ बेहद ही इंटरेस्टिंग बातें आपके लिए लेकर आए हैं। हम आपको सचिन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जो आप जानते नहीं होंगे।
क्या आप जानते हैं कि पिता रमेश तेंदुलकर ने उनका नाम सचिन ही क्यों रखा? इसके पीछे भी इंटरेस्टिंग स्टोरी है। दरअसल, रमेश तेंदुलकर बॉलीवुड के महान संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े फैन थे और उन्होंने इनके नाम पर ही सचिन का नाम रखा।
1. सचिन के बारे में ये बात बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि वो एक पहले एक बल्लेबाज नहीं बनना चाहते हैं। जी हां, सचिन पहले एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। लेकिन 1987 में MRF पेस फाउंडेशन में तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। वजह थी सचिन की कम लंबाई।
2. बचपन में सचिन अगर नेट्स में पूरा सेशन बिना आउट हुए खेल लेते थे तो उनके कोच रमाकांत अचरेकर उन्हें एक सिक्का दिया करते थे। सचिन के पास ऐसे 13 सिक्के है। वहीं इस दौरान अगर सचिन को कोई आउट करता, तो कोच उन्हें एक सिक्का देते थे।
3. सचिन के बारे में ये बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि 1987 वर्ल्ड कप में वानखेड़े में भारत और जिम्बाब्वे के मैच के दौरान सचिन ने बॉल बॉय की भूमिका निभाई थी। वो तब 14 साल के थे।
4. सचिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी राइट हैंड से करते हैं, लेकिन लिखते लेफ्ट हैंड से हैं। इसके अलावा वो टेनिस भी लेफ्ट हैंड से ही खेलते हैं।
5. ये जानकर हैरानी होगी कि सचिन एक बार सब्सटीट्यूट फील्डर के तौर पर पाकिस्तान टीम के लिए भी खेल चुके हैं। दरअसल, 1988 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में हुए एक प्रदर्शनी मैच में सचिन ने पाकिस्तान के लिए 25 मिनट तक बाउंड्री लाइन के करीब सब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर फील्डिंग की थी।
6. सचिन ने 15 नवंबर 1989 में अपना डेब्यू किया। वो पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे। सचिन को पहली बॉल वकार यूनिस ने डाली थी। उन्होंने भी इसी मुकाबले से डेब्यू किया था।
7. सचिन ने 18 दिसंबर 1989 को वनडे डेब्यू किया। वो पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में जीरो पर आउट हो गए थे। अपना पहला वनडे रन बनाने में सचिन को तीन मैच लगे थे। सचिन को अपना पहले वनडे शतक बनाने में 79 मैच लगे।
8. सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में सुनील गावस्कर द्वारा गिफ्ट किए पैड पहने थे।
9. थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले सचिन तेंदुलकर पहले बल्लेबाज हैं।
10. सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले ही रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफी मैचों में शतक जड़ा।
11. 1995 में सचिन नकली दाढ़ी-मूंछ और चश्मा लगाकर फिल्म ‘रोजा’ देखने के लिए गए थे। लेकिन थिएटर में ही नकली साजो-सामान गिर गया था और सभी ने सचिन को पहचान लिया।
12. 1996 वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले तक सचिन के बैट का कोई स्पॉन्सर नहीं था। हालांकि वर्ल्ड कप में MRF उनके बैट का स्पॉन्सर बना।
13. जब सचिन बैटिंग करते थे, तो उनकी पत्नी अंजलि कुछ खाती-पीती नहीं थी। वो सचिन की बैटिंग के दौरान इतनी नर्वस रहती थी कि लाइव मैच देखने के बजाए सचिन के रिकॉर्डिंग मैच का वीडियो देखने लगती थीं।
14. सचिन ने 1998 में एक कैलेंडर साल में 9 वनडे शतक थे और उन्होंने 1894 रन बनाए थे। उनका ये रिकॉर्ड आज भी बना हुआ है।
15. सचिन तेंदुलकर काफी भारी बैट से खेलते थे। उनका बैट लगभग 1.5 किलो का होता था। इतना भारी बल्ला सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर इस्तेमाल किया करते थे।
16. 19 साल की उम्र में सचिन काउंटी क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने थे,
17. टेस्ट क्रिकेट में 11000 रन बनाने और 40 विकेट लेने वाले सचिन एकमात्र खिलाड़ी हैं।
18. सचिन के बारे में बताया जाता है कि वो स्कूल में अक्सर अपने साथियों को परेशान किया करते थे।
19. सचिन को सरकार की तरफ से राजीव गांधी खेलरत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। तीनों सम्मान पाने वाले सचिन एकमात्र क्रिकेटर हैं।
20. सचिन ने एक मराठी न्यूज चैनल को बताया था कि महाराष्ट्र में बेहद फेमस ‘वड़ा-पाव’ उनकी कमजोरी है।