BCCI में चाहे भाजपा का दबदबा हो या कांग्रेस का, राजीव शुक्ला हर दौर में अहम रहे हैं। कांग्रेस सांसद और बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla BCCI) एकमात्र ऐसे सदस्य हैं, जो कांग्रेस से जुड़े हैं। शुक्ला के अलावा बीसीसीआई कमेटी के ज्यादातर सदस्य भाजपा से जुड़े हैं। पत्रकारिता से राजनीति में आए और साल 2000 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे राजीव शुक्ला पिछले 24 साल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा के दबदबे वाली कमेटी में कांग्रेस नेता के तौर पर उनकी लगातार मौजूदगी कई लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय है। बीसीसीआई में हमेशा उनका पलड़ा भारी क्यों रहता है? आइए जानते हैं…
और पढ़ें: रिंकू सिंह की दीवाली पर बंपर कमाई: KKR ने 55 लाख से बढ़ाकर किया 13 करोड़ का रिटेन
कौन हैं राजीव शुक्ला? (Rajiv Shukla BCCI)
65 वर्षीय राजीव शुक्ला ने 1978 में अपने गृहनगर कानपुर में पत्रकारिता की शुरुआत की थी। जब उन्होंने रविवार पत्रिका में वीपी सिंह से जुड़े ज़मीन सौदों का खुलासा किया तो वे चर्चा में आ गए। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजीव शुक्ला के करीबी थे। तब से ही उन्होंने गांधी परिवार के साथ लंबे समय तक रिश्ता बनाए रखा है। जाहिर है कि 10 जनपथ में उनकी बेरोकटोक आवाजाही है।
राजीव शुक्ला की पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की बहन अनुराधा प्रसाद हैं। राजीव शुक्ला ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक प्रोडक्शन कंपनी बनाई। BAG Films, एक न्यूज़ और एंटरटेनमेंट चैनल है, जिसका स्वामित्व वर्तमान में अनुराधा के पास है। राजीव मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें हाल ही में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था।
BCCI में राजीव शुक्ला का सफर
राजीव शुक्ला अप्रैल 2000 में पहले राज्यसभा सांसद चुने गए थे। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) में शामिल होकर क्रिकेट प्रशासन में अपनी भागीदारी शुरू की। शुक्ला ने UPCA प्रतिनिधि के रूप में BCCI की बैठकों में भाग लेना शुरू किया। इन वार्ताओं के दौरान, उन्होंने BCCI के भीतर प्रभाव हासिल करना शुरू कर दिया। 2005 में जब शरद पवार को BCCI का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, तो शुक्ला सभी मंचों पर BCCI के अनौपचारिक प्रवक्ता बन गए। इस दौरान, टीवी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा। शुक्ला को मीडिया में कार्यरत होने का लाभ मिला।
2000 में की थी राजनीति और क्रिकेट से शुरुआत
2011 से 2017 तक राजीव शुक्ला आईपीएल कमिश्नर रहे। 2020 में उन्हें बिना किसी विरोध के BCCI का उपाध्यक्ष चुना गया। शुक्ला ने 2000 के दशक की शुरुआत में अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के ज़रिए राजनीति में प्रवेश किया और सांसद बने। बाद में यह पार्टी कांग्रेस में शामिल हो गई। इसी दौरान कानपुर निवासी राजीव शुक्ला उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य बन गए।
2005 में जब शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष नियुक्त हुए, तो शुक्ला सभी मंचों पर बीसीसीआई के अनौपचारिक प्रवक्ता बन गए। इस दौरान टीवी का खूब इस्तेमाल होने लगा। मीडिया में काम करने का शुक्ला को फ़ायदा मिला।
BCCI के संकटमोचक
कांग्रेस सांसद के तौर पर शुक्ला के दिल्ली में मजबूत संबंध थे। शुक्ला ने सरकार और बीसीसीआई के बीच संपर्क सूत्र के तौर पर काम करना शुरू किया। शुक्ला के कांग्रेस और भाजपा दोनों में कई लोगों से मधुर संबंध हैं। उनके और अरुण जेटली के बीच घनिष्ठ संबंध थे। नतीजतन, शुक्ला बीसीसीआई के संकटमोचक बने रहे, जबकि केंद्र में भाजपा काबिज थी।
राजीव शुक्ला दो दशक से ज़्यादा समय से बीसीसीआई से जुड़े हुए हैं। शुक्ला ने हर पद संभाला है और हर किसी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई है, चाहे वो शरद पवार हों, जगमोहन डालमिया हों, शशांक मनोहर हों, एन श्रीनिवासन हों या अनुराग ठाकुर।