IPL के 15वें सीजन के शुरू होने से पहले BCCI की ओर से ये माना जा रहा था कि IPL का 15वां सीजन खेले गए सभी संस्करणों से बेहतर साबित होगा क्योंकि इस सीजन दो नई टीम गुजरात और लखनऊ शामिल हुई हैं । यहां तक इस बार के IPL में अन्य देशों के नए -नए बेहतरीन खिलाड़ी भी शामिल हुए। लेकिन लगता है, इन सभी चीज़ों का कुछ खास फायदा इस सीजन के आईपीएल को नहीं मिल पाया है। सीजन के आधे मुकाबले खत्म होने के बाद भी अच्छी TRP देखने को नहीं मिली, जो आमूमन आईपीएल में देखने को मिलती है। ऐसा लग रहा कि अब तो TRP के लिए टूर्नामेंट के प्लेऑफ और फाइनल के मुकाबलों का इंतज़ार करना पड़ेगा।
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले लग रहा था कि व्यूअरशिप के मामले में IPL सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आईपीएल के पिछले सीजनों की तुलना में इस बार के आईपीएल सीजन में TRP और व्यूअरशिप में भारी गिरावट देखने को मिल रही हैं, जिससे चलते BCCI को भारी घाटे का डर सता रहा है। वहीं दूसरी ओर आईपीएल के आधिकारिक ब्रॉडकास्टर की नींदें उड़ी हुई हैं। दोनों में से किसी को समझ नहीं आ रहा, आखिर इस बार के आईपीएल में क्या कमीं रह गई है , जो इसकी रेटिंग दिन-प्रतिदिन लुढ़कती जा रही है?
किसी को समझ नहीं आ रहा कि इतने विज्ञापन और प्रोमों दिन-रात दिखाने के बावजूद भी दर्शकों को लुभाने में 2022 का आईपीएल क्यों विफल रहा ? बात भी सही है , बेशक ये BCCI और ब्रॉडकास्टर के लिए सोचने का विषय हैं , क्योंकि हम सब जानते हैं कि आईपीएल कितना बड़ा टूर्नामेंट है , पूरी दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिकेट लीग है। ऐसे ही नहीं इसे क्रिकेट का महाकुंभ कहा जाता है और इसके बीते टूर्नमेंट के सभी सीजन TRP के लिहाज से बहुत बेहतर रह चुके हैं।
क्यों गिरी IPL की TRP
आईपीएल की गिरती TRP पर आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा है कि यह हमारे लिए कोई चिंता का विषय नहीं है। बृजेश पटेल ने कहा कि टीवी लरेटिंग्स में गिरावट जरूर हुई है लेकिन इसका मीडिया राइट्स पर कोई असर वहीं पड़ने वाला है। बृजेश पटेल के अनुसार, लॉकडाउन के बाद सब चीज़ें खुलने लगी हैं, ऐसे में लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। लोग आईपीएल मुकाबले के समय पब, बार, क्लब और रेस्तरां में रहते हैं और वहीं से मैच देखते हैं। ऐसे में आईपीएल की रेटिंग भले थोड़ी गिरी हो लेकिन इसके पॉपुलैरिटी पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वहीं इससे जुड़े कुछ एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि जितनी तेज़ी से आईपीएल की टेलीविज़न रेटिंग इस बार गिरी है उतनी ही तेज़ी से डिजिटल रेटिंग बढ़ी है क्यूंकि अब लोग आईपीएल को डिजिटल प्लेटफार्म पर भरी संख्या में देख रहे हैं।
TRP और व्यूअरशिप के आंकड़े बदल गए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती आठ मैचों में TRP 2.52 रही। 2021 के आईपीएल में 3.75 था जबकि इस बार 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले 2020 के आईपीएल में TRP 3.85 रहीं थी। इस बार के आईपीएल के व्यूअरशिप में भी कमी देखने को मिली है। टूर्नामेंट के शुरुआती आठों मैचों में व्यूअरशिप 229.06 मिलियन रही जबकि पिछले साल यह 267.7 मिलियन था। इस बार इसमें 14 फीसदी की गिरावट हुई है।
कुल मिला कर देखा जाएं तो IPL के 15वें सीजन का जादू अभी तक क्रिकेट प्रेमियों के सिर चढ़ कर नहीं बोल रहा है। इस बार के आईपीएल TRP पिछले पांच सालों के आईपीएल सीजन में सबसे कम है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि आईपीएल के चौथे सीजन, जिसकी रेटिंग भारत के 2011 में वर्ल्ड कप जितने के कारण बेहद कम हुई थी क्योंकि लोगों को लगातार बहुत क्रिकेट देखने को मिल गया था। IPL का चौथा सीजन आईपीएल के अब तक के इतिहास के सबसे कम TRP वाला सीजन रहा लेकिन इस बार के आईपीएल की अब तक की TRP को देखते हुए लग रहा है, कहीं IPL के चौथे सीजन का रिकॉर्ड टूट ना जाएं।
कहीं मीडिया राइट्स पर असर ना पड़ जाएं
आईपीएल मीडिया राइट्स के लिए बीसीसीआई ने टेंडर जारी किए हैं जिसकी 12 जून को बोली लगेगी। ये आईपीएल के मीडिया राइट्स 2023-2027 के लिए होंगे। ऐसे में BCCI को उम्मीद है कि उन्हें 40 से 50 हज़ार करोड़ रुपये का दाम मिल सकता है लेकिन ये बात भी साफ है कि बोली लगाने वाले दावेदार आईपीएल के ताजा जारी आंकड़ों को भी ध्यान में रखेंगे जिसका असर मीडिया राइट्स की बिक्री में देखने को ज़रूर मिलेगा। आप को बता दें, अब तक टेंडर के लिए डॉक्यूमेंट पांच बड़े ग्रुप डिज्नी स्टार, टीवी18-वायाकॉम (स्पोर्ट्स-18), अमेजन, जी और सोनी ने खरीद लिए हैं।