एक हफ्ते के लंबे इंतेजार के बाद आज एक बार फिर भारतीय क्रिकेट के फैंस अपनी टीम को मैदान पर उतरते हुए देखेंगे। टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप का आज अपना दूसरा मुकाबला खेलने जा रही है। ये मैच होगा भारत और न्यूजीलैंड के बीच।
इन दोनों टीमों ने टी-20 वर्ल्ड कप में अपना एक-एक मैच ही खेला है, जो पाकिस्तान के खिलाफ हुआ। भारत और न्यूजीलैंड को पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में हार झेलनी पड़ी, जिसके बाद अब आज दुबई के मैदान पर ये दोनों टीमों आमने सामने आएगीं।
आज क्वार्टर फाइनल जैसा मुकाबला
भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही टीमों के लिए आज का मैच करो या मरो का होगा। जो भी टीम आज का मुकाबला हारती है, उसका टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना टूट सकता है। क्योंकि ग्रुप-2 को देखें, तो पाकिस्तान का सेमीफाइनल में पहुंचना करीब-करीब तय हो गया। इसके अलावा दूसरी टीम भारत या न्यूजीलैंड में से वो टीम हो सकती है, जो आज का मुकाबला जीतेगी।
इसलिए आज के मुकाबले को क्वार्टर फाइनल की तरह देखा जा रहा है। जिसमें एक तरफ कप्तान कोहली की अग्निपरीक्षा होगी, तो दूसरी ओर केन विलयमसन की।
लेकिन दोनों टीमों के बीच अब तक के जो आंकड़े रहे हैं, वो टीम इंडिया को परेशानी में डालने वाले हैं। 18 सालों से टीम इंडिया किसी भी ICC टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड को हराने में कामयाब नहीं हो पाई। ऐसे में आज भी टीम इंडिया की राह आसान नहीं होने वाली। विराट ब्रिगेड को खास कमाल करके आज कीवी टीम पर हावी होना पड़ेगा।
टॉस बनेगा सबसे अहम फैक्टर?
आज के मैच में टॉस भी एक बहुत बड़ा रोल प्ले करेगा। टॉस में कप्तान विराट कोहली की किस्मत साथ नहीं देती, जो उनके लिए बड़ी मुसीबत बन जाता है। पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भी कोहली टॉस हारकर और फिर शुरू से ही विरोधी टीम उन पर हावी रही, जिसका नतीजा यही रहा कि पहली बार विश्व कप में टीम इंडिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
क्यों टॉस जीतना इतना जरूरी?
ऐसे में आज के मुकाबले में विराट के लिए टॉस जीतना बेहद जरूरी होगा। वैसे टी-20 वर्ल्ड कप में देखा जाए तो टॉस बहुत बड़ा रोल निभाता आया है। सुपर 12 राउंड में अब तक 12 मैच खेले गए हैं, जिसमें से 11 बार वो टीम मैच जीती जिसने टॉस जीता। तो ऐसे में टॉस की अहमियत पता चल जाती है। इन मुकाबलों में टॉस जीतने वाले कप्तानों ने 12 में से 10 बार पहले गेंदबाजी चुनी। अब तक केवल अफगानिस्तान के कप्तान मोहम्मद नबी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और फिर स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच भी जीता।
बतौर कप्तान विराट कोहली का टॉस जीतने का रिकॉर्ड अब तक काफी खराब रहा है। उनका टॉस हारना कई बार आईसीसी टूर्नामेंट में टीम इंडिया के मैच हारने की भी एक वजह बना। विराट ने अब तक 65 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की मेजबानी की, जिसमें से 28 बार वो टॉस जीतने में कामयाब हुए, जबकि 37 बार वो टॉस हारे। बात वनडे की करें तो इसमें 95 मैचों में कप्तान के तौर पर विराट के पक्ष में 40 टॉस गए, जबकि 55 वो हारे।
टी-20 में भी उनका रिकॉर्ड काफी खराब है। कोहली ने 45 टी-20 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की, जिसमें से 28 में उन्होंने टॉस गंवाए। अगर तीनों फॉर्मेट का ओवरऑल रिकॉर्ड देखा जाएं तो 206 मैचों में कप्तानी करने वाले कोहली 120 मैचों में टॉस हारे हैं। ऐसे में आज भी एक बार और हर किसी की निगाहें टॉस पर टिकेगीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट टॉस जीत पाते हैं या नहीं, ये देखना होगा। साथ ही देखने वाली बात ये भी होगी कि टॉस की जीत/हार से मैच के रिजल्ट पर क्या असर पड़ता है?