IND vs NZ Final CT 2025: भारतीय क्रिकेट टीम ने ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। यह जीत केवल खिलाड़ियों की मेहनत का नतीजा नहीं थी, बल्कि इसके पीछे रणनीति, सही फैसले और एक बेहतरीन टीम मैनेजमेंट भी था। भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने अपनी कोचिंग के मात्र 8 महीनों में कुछ ऐसे प्रयोग किए, जिन्होंने भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
गंभीर की कोचिंग में टीम की रणनीति का सबसे दिलचस्प पहलू था – बॉलर्स की मिस्ट्री और 8 नंबर तक बैटर्स की केमिस्ट्री। उनकी सोच ने भारतीय टीम को एक मजबूत यूनिट में बदल दिया, जिससे हर स्थिति में टीम मुकाबला करने में सक्षम रही। आइए जानते हैं उन 5 एक्सपेरिमेंट्स के बारे में, जिन्होंने भारतीय टीम को चैम्पियन बनाने में अहम योगदान दिया।
अक्षर पटेल को नंबर 5 पर बैटिंग कराने का मास्टरस्ट्रोक (IND vs NZ Final CT 2025)
गंभीर ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम में एक साहसिक फैसला लिया और अक्षर पटेल को वनडे में नंबर-5 पर प्रमोट किया। पहले अक्षर एक ऑलराउंडर के तौर पर टीम में होते थे, लेकिन गंभीर ने उन पर मिडिल ऑर्डर फिनिशर के रूप में भरोसा जताया।
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— Star Sports (@StarSportsIndia) March 9, 2025
इंग्लैंड सीरीज में अक्षर ने दो महत्वपूर्ण पारियां (52 और 41*) खेली, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
चैम्पियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने वही भूमिका निभाई और टीम को जीत दिलाई।
इस रणनीति ने भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज दिया, जो जरूरत पड़ने पर एंकर भी बन सकता था और फिनिशर भी।
वरुण चक्रवर्ती की वापसी – मिस्ट्री स्पिनर ने बदली बाजी
गंभीर की कोचिंग में सबसे बड़ा बदलाव भारतीय स्पिन आक्रमण में हुआ। उन्होंने तीन साल तक टीम से बाहर रहे वरुण चक्रवर्ती को वापस बुलाया और उन पर भरोसा जताया। वरुण ने वापसी के बाद ही अपनी ‘मिस्ट्री स्पिन’ से विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान करना शुरू कर दिया। चैम्पियंस ट्रॉफी के ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 विकेट लेकर उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की। सेमीफाइनल और फाइनल में भी उन्होंने मैच-जिताऊ प्रदर्शन किया, जिससे टीम की गेंदबाजी और घातक हो गई।
यह फैसला भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ और वरुण टूर्नामेंट के सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाजों में से एक बने।
स्पिन चौकड़ी – चार स्पिनर्स का दबदबा
चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भारतीय टीम के स्पिन अटैक की सबसे ज्यादा चर्चा हुई। गंभीर ने 5 स्पिनर्स को टीम में शामिल किया और यह रणनीति फाइनल तक कारगर साबित हुई। अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती ने पूरे टूर्नामेंट में विपक्षी टीमों की नाक में दम कर दिया। दुबई की पिच पर भारतीय स्पिनर्स ने बड़ी-बड़ी टीमों को ध्वस्त किया और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ स्पिनर्स ने 6 विकेट लेकर जीत सुनिश्चित की।
गंभीर की यह रणनीति बताती है कि सही टीम चयन और परिस्थितियों के अनुसार रणनीति बनाना कितना महत्वपूर्ण होता है।
केएल राहुल पर भरोसा – संकटमोचक बने विकेटकीपर बल्लेबाज
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में केएल राहुल का प्रदर्शन औसत था, जिसके बाद टीम में उनकी जगह को लेकर सवाल उठने लगे। लेकिन कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर ने उन पर भरोसा बनाए रखा। चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल और फाइनल में राहुल ने दबाव में महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में उनकी अनुभवी मौजूदगी ने टीम को संतुलन दिया। राहुल ने न सिर्फ ग्लव्स से शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि बल्लेबाजी में भी टीम को मजबूत किया।
गंभीर की सोच ने यह साबित कर दिया कि संघर्षरत खिलाड़ी को भी सही मौके दिए जाएं, तो वह वापसी कर सकता है।
नंबर-8 तक बल्लेबाजी – टीम इंडिया का नया मॉडल
गंभीर और रोहित शर्मा ने भारतीय टीम की बल्लेबाजी को इतना गहराई दी कि टीम में नंबर-8 तक दमदार बैटर्स मौजूद थे। भारत ने हर पोजीशन पर बैटिंग में लचीलापन रखा, जिससे मध्यक्रम में कोई दबाव नहीं आया। यह रणनीति तब काम आई, जब शीर्ष क्रम जल्दी आउट हो जाता था। टीम में ऐसे गेंदबाज शामिल किए गए, जो बल्लेबाजी भी कर सकते थे।
इसका फायदा यह हुआ कि टीम कभी भी ऑल आउट होने के डर में नहीं खेली और बड़े स्कोर का पीछा करना आसान हुआ।
गंभीर के 8 महीनों का असर – आलोचना से चैम्पियन तक का सफर
गौतम गंभीर जब टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद भारतीय टीम के हेड कोच बने थे, तो उनकी आलोचना भी हुई थी।
श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में भारत 0-2 से हार गया, जिससे गंभीर पर दबाव बढ़ा।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद आलोचकों ने कहना शुरू कर दिया कि यदि चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया अच्छा नहीं करती, तो गंभीर को हटाया जा सकता है।
लेकिन गंभीर ने अपनी रणनीति नहीं बदली और सही फैसलों पर अडिग रहे। उनके पांच एक्सपेरिमेंट्स ने टीम को चैम्पियन बना दिया और उन्होंने आलोचकों को करारा जवाब दिया।