भारत और श्रीलंका के बीच मोहाली में दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है। मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म हो चुका है। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत करते हुए 8 विकेट के नुकसान पर 574 रनों पर अपनी पारी घोषित कर दी। वहीं इस लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरीं श्रीलंकाई टीम ने दूसरे दिन के अंत तक 108 रन बना लिए। इस दौरान श्रीलंका के 4 विकेट भी गिर गए।
मैच के दूसरे दिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में रवींद्र जडेजा रहे। जडेजा ने इस दौरान अपने करियर की बेस्ट पारी खेली। उन्होंने जडेजा ने 228 गेदों पर नाबाद 175 रन बनाए। इस दौरान जडेजा ने 17 चौके और 3 छक्के लगाए। उनकी इस पारी की बदौलत ही टीम इंडिया 574 रनों का बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब हो पाई। जहां एक ओर हर कोई जडेजा की इस जबरदस्त पारी की काफी तारीफें करता हुआ नजर आ रहा है, तो इस बीच सवाल भी उठा रहे हैं कि उन्हें डबल सेंचुरी क्यों नहीं बनानी दी? ऐसा करने से आखिर किसने रोका?
दरअसल, जिस अंदाज में जडेजा बैटिंग कर रहे थे, उससे एक वक्त ऐसा लग रहा था कि वो अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जडेजा डबल सेंचुरी की ओर बढ़ ही रहे थे कि इस बीच कप्तान रोहित शर्मा ने टीम इंडिया की पारी 574 रनों पर ही घोषित कर दी। तब तक जडेजा ने 175 रन बना लिए थे।
रोहित के इस फैसले ने हर किसी को हैरान कर दिया। तमाम फैंस सवाल उठाने लगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्यों जडेजा को उनके करियर की पहली डबल सेंचुरी नहीं बनाने दी गई? इस दौरान लोग सिर्फ रोहित शर्मा ही नहीं बल्कि टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ की भी काफी आलोचना करते हुए दिखे। कई फैंस ये कहते नजर आ कि जडेजदा के पास दोहरा शतक लगाने का बहुत ही अच्छा मौका था, लेकिन कोच और कप्तान ने ऐसा नहीं होने दिया।
इस दौरान कई लोग तो साल 2004 की एक घटना को भी याद करने लगे। जब पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन बनाए थे। इस दौरान सचिन 194 रन बनाकर नाबाद थे। तब द्रविड़ ही टीम के कप्तान थे। सचिन डबल सेंचुरी के काफी करीब आ गए थे, लेकिन इस दौरान कप्तान द्रविड़ ने भारत की पारी की घोषणा कर दी थी। सचिन ने अपने किताब में भी इस घटना का जिक्र किया था।
अब जडेजा के साथ ऐसा होने के बाद लोग रोहित शर्मा के साथ राहुल द्रविड़ को भी घेरते हुए नजर आ रहे हैं। देखें लोग इस पर कैसा रिएक्शन दे रहे हैं…