टीम इंडिया का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के ख्वाब पर पानी फिर गया। न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेटों से हराकर WTC फाइल का खिताब जीत लिया। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की न्यूजीलैंड पहली चैंपियन बनीं।
फाइनल में फेल हुई टीम इंडिया
फाइनल में टीम इंडिया की हार ने करोड़ों भारतीय के दिलों को तोड़ दिया। WTC में 2 साल से टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा, जिसके चलते विराट की कप्तानी वाली टीम फाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई थीं। लेकिन इस बार भी फाइनल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने की वजह से टीम इंडिया के हाथों से WTC की ट्रॉफी फिसल गई। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम अब तक एक भी ICC की ट्रॉफी नहीं जीत पाई। इस बार उम्मीद काफी ज्यादा थी, लेकिन भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के चलते हाथ सिर्फ निराशा लगीं।
‘बेस्ट ऑफ थ्री’ से होना चाहिए फैसला
वहीं जब मैच में हार के बाद विराट कोहली सामने आए, तो उन्होंने एक बड़ा बयान देते हुए ICC के नियम के साथ आपत्ति जताई। कोहली ने कहा कि एक मैच से ये फैसला नहीं लिया जा सकता कि टेस्ट में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम कौन है। विराट ने इस दौरान ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ का फॉर्मूला भी दिया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोहली ने कहा कि हम इस रिजल्ट को लेकर चिंतित नहीं, क्योंकि एक मैच से बेस्ट टीम का फैसला नहीं किया होना चाहिए। इसके लिए ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ यानी तीन टेस्ट की सीरीज होनी चाहिए थीं।
कप्तान कोहली बोले कि ईमानदारी से कहूं तो एक मैच से बेस्ट टीम का फैसला करना गलत है। अच्छी टीम कौन-सी है, ये 2 दिन बने दबाव से नहीं पता चल सकता है। भविष्य के लिए हमें इस पर गौर करना चाहिए। तीन मैच होते है, तो इससे उतार चढ़ाव का पता चलता है। गलतियां सुधारने का मौका मिलता है। इसलिए हम मैच के नतीजे को लेकर चिंतित नहीं।
विराट आगे बोले कि अगर आप इस मैच को देखेंगे तो आपको ऐसा ही लगेगा कि तीन टेस्ट के साथ फैसला लिया जाना चाहिए था। इतिहास पर भी नजर डालें तो हर बड़ी सीरीज तीन या पांच टेस्ट की है। यहां पर भी वो ही चीज लागू होनी चाहिए। ऐसा मैं सिर्फ इसलिए नहीं कह रहा क्योंकि हम मैच जीत नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हम बीते कई सालों से टेस्ट क्रिकेट में मेहनत कर रहे हैं। एक हार के बाद हमें ये पता चलता है कि हम बेस्ट टीम नहीं।
वैसे सिर्फ कप्तान कोहली ही नहीं, बल्कि कोच रवि शास्त्री का भी ऐसा ही मानना है। WTC शुरू होने से पहले ही कोच ने बेस्ट ऑफ थ्री वाले फॉर्मूले की ही वकालत की थी।
तेंदुलकर ने भी इस पर जताई थी आपत्ति
इसके अलावा ‘क्रिकेट के भगवान’ माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी ICC के इस फॉर्मेट पर आपत्ति जताई थीं। सचिन ने भी कहा था कि एक मैच से टेस्ट चैंपियन तय करना ठीक नहीं है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि बेहतर होता अगर फाइनल भी एक सीरीज के तौर पर खेला जाता, ना कि एक मैच के तौर पर।
मैच की दूसरी हार में टीम इंडिया बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही मोर्चे पर फेल साबित हुई। दूसरी पारी में पूरी भारतीय टीम 170 रनों पर ही सिमट गई थीं, जिसके बाद न्यूजीलैंड को जीत के लिए महज 139 रनों की ही जरूरत थीं। 2 विकेट के नुकसान पर न्यूजीलैंड ने इस स्कोर को चेस कर लिया और WTC फाइनल में जीत दर्ज की।