टोक्यो ओलंपिक के बाद अब पैरालिंपिक में भारत के धुरंधर छा रहे हैं। पैरालिंपिक में भारत अब तक कई मेडल जीत चुका है। अब तक 7 मेडल भारत के खिलाड़ी ला चुके हैं। जिसमें 4 सिल्वर, एक ब्रॉन्ज और एक गोल्ड मेडल भी शामिल है। सोमवार को अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। वो पैरालिंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला एथलीट बनीं।
जयपुर की अवनि ने रचा इतिहास
अवनि लखेरा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं। महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास SH1 के फाइनल में 249 प्वॉइंट स्कोर किया। अवनि इससे पहले क्वालिफिकेशन राउंड में सातवें नंबर पर रही थीं और फाइनल में अपनी जगह पक्की की थीं।
एक्सीडेंट का शिकार हुईं और बदल गई जिंदगी
अवनि का यहां तक पहुंचने का सफर संघर्षों से भरा रहा। वो बचपन से दिव्यांग नहीं थी, लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी बदल दी थी। दरअसल, साल 2012 में वो अपने पिता के साथ धौलपुर जा रही थीं। तब ही वो एक एक्सीडेंट का शिकार हो गए। इस हादसे में अवनि और उनके पिता बुरी तरह से घायल हो गए। कुछ समय के बाद उनके पिता को रिकवर हो गए, लेकिन अवनि के लिए इस हादसे ने पूरी जिंदगी बदलकर रख दीं।
डिप्रेशन में भी चली गई थीं अवनि
इस एक्सीडेंट के बाद अवनि को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े थे। तब रीड की हड्डी में चोट लगने की वजह से वो खड़े होने और चलने में असमर्थ हो गई थी। इसके बाद ही अवनि व्हीलचेयर पर हैं। फिर अवनि डिप्रेशन में आ गई और उन्होंने खुद को कुछ दिनों के लिए कमरे तक में बंद कर लिया था। फिर अवनि के माता-पिता के तमाम प्रयासों के बाद उनकी जिंदगी धीरे धीरे पटरी पर लौटी। इसके बाद ओलंपिक गोल्ड मेडिलिस्ट अभिनव बिन्द्रा से अवनि ने प्रेरणा ली और वो उनके ही नक्शे कदम पर आगे पड़ी। और आज उन्होंने पैरालिपिंक में गोल्ड मेडल जीतकर खुद को साबित भी कर दिया।
इससे पहले अवनि ने इसी साल वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीता था। साल 2019 में भी उन्होंने एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। साथ ही 2017 में वो जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनका वर्ल्ड रैंकिंग 5 हैं।